- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हड़ताल पर चल रहे देश भर के डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है
- स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड का संकट चल रहा है ऐसे में देश के मरीजों को हित में ध्यान रखते हुए काम पर लौट आए
Doctors Protest: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रेजिडेंट डॉक्टरों से जनहित में हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया है। डॉक्टर्स NEET 2021 काउंसलिंग में देरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि मैंने सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ बैठक की है। हम काउंसलिंग नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सुनवाई 6 जनवरी को होगी। मुझे उम्मीद है कि नीट पीजी काउंसलिंग जल्द शुरू होगी। हालांकि FORDA अध्यक्ष डॉ. मनीष ने कहा है कि दिल्ली में डॉक्टरों का धरना जारी रहेगा। सरकार ने आश्वासन दिया है कि काउंसलिंग की तारीख 6 तारीख को तय की जाएगी।
मंडाविया ने कहा कि कोविड क्राइसिस में डॉक्टरों ने बहुत अच्छा काम किया है। हमें जो भी सफलता मिली है, उसके लिए हमारे प्रधानमंत्री जी ने डॉक्टरों और हेल्थवर्कर्स को ही यश दिया है, अभिनंदन भी किया है। कल हमारे डॉक्टर्स धरना दे रहे थे तो उनके साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया है, इस पर मैं खेद व्यक्त करता हूं और सभी डॉक्टर्स से अपेक्षा करता हूं कि अभी कोविड संकट चल रहा है। हमारे देश के मरीजों को कोई दिक्कत न हो इसलिए तुरंत ही अपनी ड्यूटी ज्वॉइन कर लें, हम सभी अपने डॉक्टर्स के सहयोग में खड़े हैं।
दिल्ली में बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया और इसी दौरान सड़कों पर पुलिस और डॉक्टरों के बीच झड़प हो गई। दोनों पक्षों का दावा है कि उनकी ओर के कई लोग घायल हुए हैं। डॉक्टरों का आंदोलन जारी रहने से केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष ने दावा किया कि बड़ी संख्या में प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार को विरोध स्वरूप प्रतीकात्मक तौर पर अपना एप्रन (लैब कोट) वापस कर दिया।
मनीष ने यह भी आरोप लगाया कि कई डॉक्टरों को पुलिस ने हिरासत में लिया और उन्हें थाने ले जाया गया। कुछ समय बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बल का इस्तेमाल किया जिससे कुछ डॉक्टर घायल हो गए। एसोसिएशन ने अपने ट्विटर हैंडल में पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई की तस्वीरें पोस्ट कीं। हालांकि, पुलिस ने लाठीचार्ज करने या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप से इनकार किया और कहा कि 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि छह से आठ घंटे तक प्रदर्शनकारियों ने आईटीओ रोड को जाम कर दिया। उनसे बार-बार अनुरोध किया गया कि वे वहां से हट जाएं, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया।
क्यों हड़ताल पर हैं डॉक्टर?
- नीट पीजी काउंसलिंग में देरी
- काउंसलिंग डेट की घोषणा नहीं
- काउंसलिंग नहीं होने से एडमिशन रूके
- डॉक्टरों पर बढ़ता काम का बोझ
- सेकंड ईयर वालों को फर्स्ट ईयर का भी काम
- रेजिडेंट डॉक्टरों की ट्रेनिंग प्रभावित
- ट्रेनिंग नहीं होने से करियर पर असर
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हड़ताली डॉक्टरों ने क्या कहा?
- अस्पतालों में OPD सेवा का बहिष्कार
- इमरजेंसी सेवा में भी काम नहीं
- कोविड वार्ड में ड्यूटी नहीं
- नए एडमिशन जल्द हों
- सरकार वर्क फोर्स बढ़ाए
- रिजर्वेशन पॉलिसी पर जल्द सुनवाई
- लाठीचार्ज करने वालों पर कार्रवाई हो
(भाषा के इनपुट के साथ)