नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को स्मरण पत्र भेजकर राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा। पत्र के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजने की सूरत में इस रवैये को गंभीरता से लिया जाएगा।अधिकारियों के मुताबिक केंद्र ने चेतावनी दी कि अगर वह ऐसा करने में असफल होती है तो वह इस रवैये को ‘गंभीरता’ से लिया जाएगा, साथ ही बिना समय गवांए ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने को भी कहा गया है।
बुधवार को भेजे गए स्मरण पत्र में गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को स्मरण कराया गया कि तीन मई को राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर तत्काल रिपोर्ट तलब की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी है।
पत्र में कहा गया कि नवीनतम सूचना के मुताबिक पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं नहीं रुकी हैं और इसका अभिप्राय है कि राज्य सरकार ने इन्हें नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। पत्र में कहा गया कि इसलिए बिना समय गवाएं इन घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। इसमें कहा गया कि तत्काल विस्तृत रिपार्ट गृह मंत्रालय को भेजी जानी चाहिए।
वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जिन इलाकों में हिंसा और झड़प हो रही है, वहां पर भाजपा चुनाव जीती है। बनर्जी ने कहा कि सोशल मीडिया पर हिंसा के जो वीडियो साझा किए जा रहे हैं उनमें से अधिकतर या तो फर्जी हैं या पुराने हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने गौर किया है कि हिंसा और झड़प की घटनाएं उन्हीं इलाकों में हो रही हैं जहां पर भाजपा चुनाव जीती है। इन इलाकों को काले धब्बे की तरह देखा जाना चाहिए।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये घटनाएं तब हुई जब कानून व्यवस्था निर्वाचन आयोग के अधीन था। उन्होंने कहा, 'पश्चिम बंगाल में गत तीन महीनों में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है। कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं और सभी वास्तविक नहीं हैं, उनमें अधिकतर फर्जी हैं। भाजपा पुराने वीडियो दिखा रही है।'