- कमला हैरिस बन सकती हैं उपराष्ट्रपति तो सोनिया गांधी पीएम क्यों नहीं: अठावले
- केंद्रीय मंत्री अठावले बोले- सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को कोई मतबल नहीं
- अठावले ने कहा- उनकी पार्टी करती है जातिगत जनगणना की मांग
नई दिल्ली: अपने बेबाक अंदाज के लिए सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने एक कार्यक्रम के दौरान जातिगत जनगणना का भी समर्थन किया और कहा कि उनकी पार्टी इसके पक्ष में है। केंद्रीय मंत्री अठावले ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर’ है।
जातिगत जनगणना का किया समर्थन
इतना ही नहीं अठावले ने जातिगत जनगणना का समर्थन करते हुए कहा कि जाति के आधार पर जनगणना होनी चाहिए जिससे पता चल जाएगा कि देश में किस जाति के लोगों की कितनी संख्या है। उन्होंने कहा कि यह मांग हमारी बहुत पुरानी है और जातिगत जनगणना से देश में जातिवाद नहीं बढ़ेगा। इतना ही नहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तारीफ करते हुए अठावले ने कहा कि वो प्रधानमंत्री पद के उपयुक्त प्रत्याक्षी हैं और सोनिया गांधी को मनमोहन सिंह की जगह शरद पवार को प्रधानमंत्री बनाना चाहिए था।
सोनियां गांधी बन सकती थी पीएम
मोदी सरकार में मंत्री अठावले ने कहा, 'यूपीए के सत्ता में आने पर सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहिए था। अगर कमला हैरिस अमेरिकी उपराष्ट्रपति बन सकती हैं तो सोनिया गांधी पीएम क्यों नहीं बन सकतीं, जो एक भारतीय नागरिक हैं, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी और लोकसभा सदस्य हैं।' अठावले ने कहा कि उन्होंने यूपीए के सत्ता में आने के बाद भी कहा था कि सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को कोई मतलब नहीं है।