- पीड़िता की मौत के बाद उसके भाई ने अपनी बहन के लिए की न्याय की मांग
- शव अब जलाने लायक बचा नहीं है इसलिए गांव ले जाकर उसे दफना देंगे- पीड़िता के भाई
- बेटी की मौत को लेकर पिता ने की न्याय की मांग कहा- उन्हें भी हैदराबाद जैसे इंसाफ चाहिए
नई दिल्ली: आग के हवाले की गई उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। 95 फीसदी जल चुकी पीड़िता को गंभीर हालत में लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया था। पीड़िता की मौत के बाद उसके भाई ने अपनी बहन के लिए न्याय की मांग करते हुए कहा कि आरोपियों का भी वही हश्र होना चाहिए जो उसकी बहन ने झेला।
मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के भाई ने कहा, 'मेरे पास कहने को अब कुछ नहीं है क्योंकि मेरी बहन अब इस दुनिया में नहीं है। मैं चाहता हूं कि आरोपियों को फांसी से कम की सजा ना हो। हमारी बहन की अंतिम इच्छा थी कि इन पांचों आरोपियों को जिंदा नहीं रहना चाहिए और मैंने कहा नहीं रहेंगे।' मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के भाई ने कहा कि शव अब जलाने लायक बचा नहीं है इसलिए गांव ले जाकर उसे दफना देंगे।
वहीं पीड़िता के पिता ने भी बेटी की मौत को लेकर मांग करते हुए कहा कि उन्हें भी हैदराबाद जैसे इंसाफ चाहिए। उन्होंने कहा, 'आरोपियों को या तो फांसी पर लटका देना चाहिए या फिर हैदराबाद पुलिस की तरह उनका एनकाउंटर किया जाए।'
आपको बात दें कि आरोपियों ने जेल से बाहर आने के कुछ दिन बाद पीडि़ता को जिंदा जला दिया। पीड़िता ने एसडीएम के सामने दिए बयान में बताया था कि वह मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली जा रही थी। जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और बलात्कार के आरोपी शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
जिंदा जलाए जाने के बाद पीड़िता को गंभीर हालत में लखनऊ से दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया और ग्रीन कॉरीडोर बनाकर सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों की काफी कोशिश के बावजूद भी पीड़िता की जान नहीं बच सकी और शुक्रवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई।