- 4 करोड़ 85 हजार 700 से ज्यादा लोगों की हुई मेडिकल स्क्रिनिंग
- 78 लाख 86 हजार 400 से अधिक घरों तक जांच के लिए पहुंची टीमें
- स्वास्थ्य महकमे की एक लाख मेडिकल टीमें दिन रात कर रही हैं स्क्रिनिंग
23 करोड़ जनसंख्या वाले सूबे यानि उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अपने प्रदेश को कोरोना के उस प्रकोप से बचा रखा है जैसा कि बाकी प्रदेशों का है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि उत्तर प्रदेश में युद्धस्तर पर मेडिकल स्क्रिनिंग और जांच कराने में महकमा जुटा हुआ है। यूपी में अब तक 4 करोड़ 85 हजार 700 से ज्यादा लोगों की मेडिकल स्क्रिनिंग हुई है जबकि 78 लाख 86 हजार 400 से अधिक घरों तक जांच के लिए सीएम योगी की मेडिकल टीमें पहुंची हैं।
मुख्यमंत्री योगी के मीडिया सलाहकर मृत्युंजय कुमार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, सीएम योगी के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमे की एक लाख मेडिकल टीमें दिन रात स्क्रिनिंग कर रही हैं। मेडिकल टीमों की मदद के लिए सीएम योगी ने आशा बहुओं की भी टीमें झोंक रखीं है। प्रदेश में हर कोरोना संदिग्ध की सूचना देने, उनकी जांच कराने व उन पर नजर रखने के लिए सीएम योगी ने हर ग्राम पंचायतों व हर वार्डों में निगरानी समितियां बनाई हैं। यह निगरानी समितियां किसी भी प्रवासी के आने व किसी के संक्रमित होने की जानकारी देती हैं
निगरानी समितियों की प्रमुख भूमिका
मेडिकल स्क्रिनिंग में निगरानी समितियां सरकार की मदद कर रही हैं। टीम - 11 की बैठक में सीएम योगी जांचों की समीक्षा करते हैं। बता दें कि प्रदेश में कोविड अस्पतालों में अब कोरोना मरीजों के लिए एक लाख एक हजार 236 बेड उपलब्ध हैं। वहीं प्रदेश में एल- 1 के 403 अस्पतालों में 72934 बेड, एल – 2 के 75 अस्पतालों में 16212 बेड, एल – 3 के 25 अस्पतालों में 12090 बेड उपलब्ध हैं।
ऐसी है व्यवस्था
केवल कोरोना मरीजों के लिए 2000 से ज्यादा वेंटिलेटरों की व्यवस्था उत्तर प्रदेश सरकार ने की है। अब तक यूपी में 30 लाख से अधिक प्रवासी कामगार व श्रमिक पहुंचे हैं। इसलिए यहां तेजी से जांच का दायरा बढाया गया और तीन लाख लोगों की जांच पूरी हो चुकी है। प्रतिदिन 10 हजार लोगों की कोरोना जांच हो रही हैं, जिसे 15 जून तक प्रतिदिन 15 हजार और 30 जून तक प्रतिदिन 20 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्वारंटीन सेंटरों में जांच
क्वारंटीन सेंटरों के जरिए प्रवासी श्रमिकों व कामगारों की मेडिकल स्क्रिनिंग व जांच हुई। क्वारंटीन सेंटरों में प्रवासियों के आने के साथ ही भोजन व आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई गई। मेडिकल स्क्रिनिंग में जो स्वस्थ मिले उन्हें राशन पैकेट के साथ होम क्वारंटीन में भेजा गया है।