- लॉकडाउन के असर से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए योगी सरकार उठा रही कदम
- एमएसएमई उद्योग में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की कई देशों के साथ हुई है बातचीत
- इस वेबसाइट के जरिए राज्य की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी चीजों का लाइव प्रसारण भी होगा
नई दिल्ली: लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को उबारने के अपने प्रयासों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार निवेश बढ़ाने के लिए अब अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को आकर्षित करने की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। इस पहल के तहत योगी सरकार अगले सप्ताह भारतीय प्रवासियों के लिए एक वेबसाइट की शुरुआत करने जा रही है। इस वेबसाइट के जरिए राज्य में निवेश की सुविधा एवं जानकारी देने के साथ-साथ अयोध्या के दीपोत्सव एवं बरसाना की होली सहित राज्य की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी चीजों एवं धार्मिक पर्यटन स्थलों की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी।
सीएम आदित्यनाथ करेंगे वेबसाइट का शुभारंभ
बताया जा रहा है कि इस वेबसाइट का शुभारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों किया जाएगा। राज्य के एनआरआई विभाग ने बुधवार को इस वेबसाइट का प्रस्तुतिकरण सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के समक्ष पेश किया। इस वेबसाइट पर पर्यटन, निवेश मित्र एवं एमएसएमई विभाग का लिंक भी उपलब्ध होगा।
गेमचेंजर साबित होगी यह वेबसाइट
एक समाचार पत्र के साथ बातचीत में सिंह ने कहा, 'यह वेबसाइट हम लोगों के लिए एक गेमचेंजर साबित होगी। यह केवल एक वेब पोर्टल न होकर संवाद स्थापित करना का एक जरिया होगा। यह वेबसाइट पर्यटन, निवेश, एमएसएमई, निवेश संवर्धन एवं हमारी सभी नीतियां से जुड़ी होगी। एनआरआई से जुड़ी सभी जानकारियों को इस पोर्टल के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।' मंत्री ने बताया कि बहुत सारे अप्रवासी भारतीय अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सरकार के पास पहुंच रहे हैं।
एमएसएमई में निवेश पर है सरकार का ज्यादा जोर
लॉकडाउन के असर से राज्य की अर्थव्यवस्था को उबराने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार का ज्यादा जोर एमएमएमई विभाग में निवेश बढ़ाने की है। राज्य सरकार इसके लिए विदेशी निवेश आकर्षित करना चाहती है। कोविड-19 की वजह से बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियां चीन से निकलने की तैयारी में है। योगी सरकार की नजर इन कंपनियों पर है। पिछले दिनों सिंह की वेबिनार के जरिए कई देशों के साथ बैठक हुई है। राज्य में करीब 90 लाख एमएसएमई हैं। यह देश में सर्वाधिक संख्या है। एमएसएमई उद्योग खड़ा करने के लिए राज्य के पास पर्याप्त मात्रा में जमीन एवं मानव संसाधन हैं। राज्य में स्किल्ड मानव संसाधन की उपलब्धता निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाती है।