लखनऊ: कोरोना महामारी को रोकने की कवायद में देश में लॉकडाउन जारी है जिससे देश में सारी गतिविधियां ठप्प सी पड़ीं हैं, ऐसे में सरकार कड़े फैसले भी ले रही है इसी क्रम में कोरोना वायरस महामारी और लगातार लॉकडाउन को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र की तरह अपने कर्मियों का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता रोकने का एलान किया है।
यूपी सरकार ने महंगाई भत्ते (DA) पर रोक लगा दी है यानि अब कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए नहीं मिलेगा मतलब एक जनवरी 2020 से जून 2021 तक डीए बंद रहेगा, सरकार ने छह तरह के भत्ते भी स्थगित कर दिए हैं।
माना जा रहा है कि योगी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे, वहीं करीब 11 लाख पेंशनर भी इससे प्रभावित होंगे। कहा जा रहा है कि सरकार को कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर फैसला लेने से खासी बचत होगी।
केंद्र सरकार ने पहले ही उठाया था कदम
इससे पहले केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर बड़ा फैसला लिया था। कोरोना संकट के चलते केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर रोक लगाई थी। कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने में लगी केंद्र सरकार ने बढ़ते आर्थिक बोझ को देखते हुए अपने खर्चों में कटौती करनी शुरू कर दी है।
इस दिशा में आगे बढ़ाते हुए सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते की नई किस्तों पर एक जुलाई 2021 तक के लिए रोक लगा दी है।
इसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण सरकार के खजाने पर बढ़ते दबाव के चलते केंद्र ने एक जनवरी 2020 से लेकर एक जुलाई 2021 के बीच दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की किस्तों के भुगतान पर रोक लगाने का फैसला किया है।
इस फैसले से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों पर असर पड़ेगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस कदम से सरकार को चालू वित्त वर्ष 2020-21 और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 37,530 करोड़ रुपए की बचत होगी।