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'कान फाड़ू' एक धमाका, 12 सेकेंड और 55,000 टन मलबा...ऐसे ढेर होंगे Noida Twin Tower, बनेंगे ब्लास्ट होने वाली भारत की सबसे ऊंची इमारतें

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 24, 2022 | 13:11 IST

Noida Twin Towers Demolition: दिल्ली से सटे नोएडा के इन ट्विन टावर को जमींदोज किए जाने के पूरा प्रोसेस को वैज्ञानिक तरीके से अंजाम दिया जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
नोएडा (Noida) में सुपरटेक (Supertech) के अवैध ट्विन टावर (Twin Towers)।
मुख्य बातें
  • कुतुब मीनार से भी ऊंचे हैं नोएडा में सुपरटेक के ये ट्विन टावर
  • अवैध टावर में लगा दिए गए विस्फोटक, की जाएगी टेस्टिंग
  • 3700Kg बारूद हुआ फिट, तार से तोड़े जाएंगे सारे पिलर

Noida Twin Towers Demolition: उत्तर प्रदेश (UP) के गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddh Nagar) जिला के तहत आने वाले नोएडा (Noida) में ट्विन टावर (Twin Tower) ध्वस्त करने के लिए तैयारियां हो चुकी हैं। रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक (Supertech Limited) के बनाए अवैध टावर में 3700 किलोग्राम बारूद जगह-जगह फिट किया गया है। सबसे रोचक बात है कि इतने भारी मात्रा में विस्फोटक को पूरे टावर में सेट करने के लिए 9640 छेद किए गए। ब्लास्ट के बाद यह ट्विन टावर ध्वस्त की जाने वाली भारत की सबसे ऊंची इमारतें बन जाएंगी।

12 सेकेंड्स में ताश के पत्तों जैसे भरभरा कर गिरेगा टावर
28 अगस्त, 2022 को जैसे ही एक आदेश के बाद बटन दबेगा, यह दिल्ली (Delhi) में कुतुब मीनार (Qutub Minar) से भी ऊंचे गंगनचुंबी टावर मिट्टी के मलबे में मिल जाएंगे। ये इमारतें 100 मीटर से थोड़ी ज्यादा ऊंची हैं। ब्लास्ट के बाद इसे भरभराकर गिरने में नौ से 12 सेकेंड्स का समय लगेगा। आप इसे और सरल तरीके से भी समझ सकते हैं कि ये टावर ताश के पत्तोंनुमा इमारत की तरह एकदम से गिरेंगे। कहा गया कि ब्लास्ट के बाद घटनास्थल पर 35,000 घन मीटर मलबा (करीब 55,000 टन का मलबा) पैदा होगा।

ब्लास्ट में तारों का रहेगा अहम रोल, समझें- कैसे?
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा हो गया है, जिनकी टेस्टिंग फिलहाल बाकी है। कहा जा रहा है कि वह भी जल्द होगी। एक्सपर्ट्स सभी पिलर्स (खंभों) की जांच करेंगे। फिर सभी पिलरों को तार से जोड़ा जाएगा और दो से तीन दिनों में यह काम पूरा किया जाएगा। टेस्टिंग के बाद दोनों टावर में लगे विस्फोट को आपस में तारों से जोड़ा जाएगा। आगे कोई भी सपोर्ट डिस्कनेक्ट तो नहीं हुआ है? यह चीज भी जांची जाएगी।

आसपास के परिसर कराए जा रहे खाली, वाहन भी शिफ्ट
इस बीच, नोएडा ट्रैफिक विभाग के डीसीपी गणेश शाहा ने सोसाइटी के लोगों से सुनिश्चित किया सुपरटेक टावर के बेसमेंट में खड़ी गाड़ियों को कहां पार्क कराया जाए। लगभग 10 ऐसी गाड़ियां थीं, जिनके मालिकों का पता न चल सका था। ऐसे में ये वाहन भी हटाए जाएंगे। यही नहीं, विस्फोट से पहले एमराल्ड कोर्ट परिसर को खाली कराने के लिए सोसाइटी में सभी वाहनों को दूसरे स्थान पर पार्क किया जाएगा। सेक्टर 92 मार्ट, सिल्वर सिटी समेत एक अन्य जगह पर पार्किंग के विकल्प चुने गए। (पीटीआई इनपुट्स के साथ) 

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