- अमेरिका को जो बाइडेन के रूप में नया राष्ट्रपति मिलने जा रहा है
- नतीजों से लगभग साफ हुआ कि वाइट हाउस में अब बाइडेन की ही होगी ताजपोशी
- बाइडेन का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए फायदेमंद भी हो सकता है साबित
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US President Elections 2020) की तस्वीर लगभग साफ हो गई हैं और यह तय हो गया है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन (Joe Biden) राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के रिश्तों में कई बार बेहतरी आई तो ट्रंप ने कई मौकों पर भारत को झटका भी दिया। तो आइए जानते हैं कि बिडेन के राष्ट्रपति बनने से भारत को किस तरह के फायदे और किस तरह के नुकसान हो सकते हैं।
CAA-NRC तथा कश्मीर पर मुखर रहे थे बिडेन
77 साल के बिडेन काफी लंबे समय से राजनीति के मैदान में सक्रिय हैं और ओबामा सरकार के दौरान वह अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे। भारत के लिहाज से यह चुनाव बेहद अहम है क्योंकि हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच संबंध काफी अच्छे रहे हैं। बिडेन पूर्व में कश्मीर और एनआरसी को लेकर जिस तरह से मुखर रहे हैं उससे भारत की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है लेकिन जब आप सत्ता में होते हैं विदेश नीति की बात होती है तो फिर हालात अलग होते हैं। ट्रंप और बिडेन में यहीं अंतर है कि ट्रंप बड़बोले हैं तो बिडेन दूरदर्शी जो सोच समझकर बयान देते हैं जिसकी एक झलक चुनाव परिणाम आने के दौरान भी देखने को मिली।
बिडेन से भारत को फायदा
टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखे एक लेख में कहा गया है कि बिडेन के राष्ट्रपति बनने से भारत को फायदा मिल सकता है और भारत के साथ अमेरिका के संबंध बेहतर हो सकते हैं। अमेरिकी प्रोफेसर सुमित गांगुली लिखते हैं कि ट्रंप ने जिस तरह से भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने, एच-1बी वीजा रोकने, कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की उससे भारत को नुकसान हुआ। बिडेन के मामले में ऐसा नहीं है वो सोच समझकर फैसले लेने वालों में से हैं। दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ सकता है और आईटी कंपनियों को इससे फायदा होगा जिसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा।
भारतीय मूल की कमला हैरिस होंगी डेप्युटी
दशकों तक अमेरिकी विदेश विभाग के लिए काम कर चुके बिडेन अच्छी तरह जानते हैं कि किस तरह अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर काम किया जा सकता है। बिडेन पहले भारत को एक नैचुरल सहयोगी करार दे चुके हैं और ओबामा के दौर में जब बिडेन उप राष्ट्रपति थे तो दोनों देशों के बीच संबंध काफी सुधरे थे। अमेरिकी इतिहास में यह पहला मौका है जब उप राष्ट्रपति जैसे पद पर किसी भारतीय मूल के व्यक्ति को बैठने का मौका मिल रहा है। कमला हैरिस बिडेन की डिप्युटी होंगी। तो फिलहाल ऐसा नहीं लगता है कि बिडेन के राष्ट्रपति बनने से भारत को ऐसा कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है।