- पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली
- धामी के अलावा 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली
- सभी मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है
नई दिल्ली: पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है। 45 साल के धामी राज्य के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। देहरादून में राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में धामी के अलावा 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली।
न्यूज एजेंसी 'भाषा' के अनुसार, मंत्रिमंडल में सभी पुराने चेहरों को बरकरार रखा गया है और एकमात्र परिवर्तन यही किया गया है कि सभी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। धामी मंत्रिमंडल में कोई भी राज्य मंत्री नहीं है। त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत मंत्रिमंडल की तरह ही पुष्कर मंत्रिमंडल में भी सतपाल महाराज को नंबर दो पर रखा गया है। अन्य मंत्रियों में डॉ. हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, यशपाल आर्य, बिशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत, रेखा आर्य, स्वामी यतीश्वरानंद, अरविंद पाण्डेय, गणेश जोशी और धनसिंह रावत शामिल हैं।
धामी मंत्रिमंडल में रेखा आर्य, धनसिंह रावत और यतीश्वरानंद का कद बढ़ाया गया है । पिछले मंत्रिमंडल में ये तीनों राज्य मंत्री थे। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, कई विधायक, धामी की मां बिश्ना देवी और पत्नी गीता धामी समेत अन्य लोग भी मौजूद थे।
विद्रोह की आई खबर
उत्तराखंड कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। धामी और उनके मंत्रियों के शपथ ग्रहण ने धामी के चुनाव को लेकर वरिष्ठ नेताओं सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत और अन्य द्वारा विद्रोह की सभी अटकलों पर भी विराम लगा दिया है। साथ ही, शपथ ग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले, हरक सिंह रावत, आर्य और चुपल ने न्यूज एजेंसी IANS को बताया था कि धामी कैबिनेट में कोई लड़ाई नहीं है और शपथ ग्रहण कार्यक्रम के अनुसार होगा।
शपथ ग्रहण के बाद बोले धामी
शपथ ग्रहण करने के बाद धामी ने कहा, 'मैं युवाओं के बीच काम कर रहा हूं और मैं मुद्दों को अच्छी तरह समझता हूं। कोविड ने उनकी आजीविका को प्रभावित किया है। हम उनके लिए स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे और राज्य में रिक्त पदों के लिए युवाओं को नियुक्त करने का प्रयास करेंगे।' वहीं उनके चुनाव पर विधायकों में नाराजगी पर धामी ने कहा कि मैं उम्र में छोटा हूं। हर कोई अनुभवी है। मेरी पार्टी के लिए जिसने मुझे यह अवसर दिया है, यह मेरा कर्तव्य है कि मैं छोटे और पुराने सदस्यों को एक साथ रखूं और पार्टी और राज्य के काम को आगे बढ़ाऊं।