- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत किसी भी सरकारी दुकान से सस्ता राशन ले सकते हैं
- बायोमेट्रिक मशीनों के जरिए राशन लेने वालों को मशीन पर अपना अंगूठा लगाना होगा
- दूसरे राज्यों से आए लोगों को भी उत्तराखंड में राशन मिल सकेगा
नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच भारी तादाद में देश में एक राज्य से दूसरे राज्य में मजदूरों का पलायन हुआ है, ऐसे में राज्य सरकारों के सामने उनको राशन उपलब्ध कराना बड़ा सवाल बना हुआ है, उत्तराखंड सरकार ने गरीबों को सस्ता राशन मुहैया कराने के लिए राज्य में वन नेशन वन कार्ड योजना लागू कर दी है।
इसके लागू होने से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत किसी भी सरकारी दुकान से सस्ता राशन ले सकते हैं खास बात ये है कि दूसरे राज्यों से आए लोगों को भी उत्तराखंड में राशन मिलेगा।
बायोमेट्रिक मशीनों के जरिए राशन लेने वालों को मशीन पर अपना अंगूठा लगाना होगा, इसके बाद उनको सस्ता राशन मिल पाएगा और इसके लिए लोगों को परेशान होने की जरुरत नहीं है,जिन दुकानों में बायोमेट्रिक मशीन लग गई है, वहां से वो आराम से राशन ले सकते हैं।
दूसरे राज्यों में बने राशन कार्ड से भी प्रवासियों को सस्ता राशन उपलब्ध
खास बात है कि इस योजना के जरिए दूसरे राज्यों में बने राशन कार्ड से भी प्रवासियों को सस्ता राशन उपलब्ध कराया जाएगा और इस योजना के लागू होने के बाद राशनकार्ड धारक किसी भी सस्ते-गल्ले की दुकान से राशन खरीद सकते हैं,लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से घर वापस आए प्रवासियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड सरकार ने के खाद्य आपूर्ति विभाग ने 1 जुलाई से राज्य में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू कर दी है, राज्य सरकार के इस फैसले से पहाड़ लौटे प्रवासियों समेत सभी आम आदमी को एक बड़ी राहत मिली है और अब उत्तराखंड के लोगों को सस्ते राशन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा, जिससे उनकी परेशानियां कम होंगी।