नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में एक ग्लेशियर के टूटने से हड़कंप मच गया और इसने काफी तबाही मचा दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में शाम को बताया कि अभी तक आपदा में सात व्यक्तियों के शव बरामद हुए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 125 लोग लापता हैं, ये संख्या अधिक भी हो सकती है। वहीं भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) और पुलिस के जवान बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं। भारतीय वायु सेना (IAF) के सी-130 और एएन-32 विमान के अलावा सेना के तीन हेलीकॉप्टर भी लगे हुए हैं।
यहां पढ़ें इस त्रासदी से जुड़े हुए अब तक के 10 बड़े अपडेट्स
- मुख्यमंत्री रावत ने कहा, 'एक अनुमान के तहत लापता लोग सवा सौ के आसपास हो सकते हैं या इससे ज्यादा भी हो सकते हैं। जो कंपनी के लोग हैं वे भी कागज लापता होने की वजह से ज्यादा बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। अपनी 180 भेड़ और बकरियों के साथ चरवाहों सहित पांच स्थानीय लोग बाढ़ में बह गए। अभी तक 7 शव बरामद हुए हैं।' ऋषिगंगा परियोजना में डयूटी कर रहे दो पुलिसकर्मी भी लापता हैं।
- ग्लेशियर के टूटने से धौली गंगा नदी में आई भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों के बचाव के लिए सेना ने चार कॉलम और दो मेडिकल टीमें तैनात की है। जोशीमठ के रिंगी गांव में सेना के इंजीनियरिंग टास्क फोर्स का एक दल भी तैनात किया गया है।
- तपोवन बांध के पास एक सुरंग में फंसे सभी 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। आइटीबीपी, औली के डिप्टी कमांडेंट एसएस बुटोला ने बताया कि सुरंग में फंसे 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
- बाढ़ से ऋषिगंगा परियोजना और एनटीपीसी की 480 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना को भारी नुकसान हुआ है। दोनों परियोजनाओं के शीर्ष अधिकारी नुकसान का आंकलन करने में जुट गए हैं।
- बाढ आने के बाद समूचे गढवाल क्षेत्र में स्थित अलकनंदा और गंगा नदियों के आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया। लेकिन शाम होते-होते बाढग्रस्त ऋषिगंगा नदी में पानी में भारी कमी आई जिससे चेतावनी वाली स्थिति समाप्त हो गई। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि अब खतरे की स्थिति नहीं है और अलकनंदा नदी में जलस्तर सामान्य है। नीचे की ओर बाढ़ का कोई खतरा नहीं है, जलस्तर में बढ़ोतरी को रोक लिया गया है, गांवों, पनबिजली परियोजनाओं को कोई खतरा नहीं है।
- उत्तराखंड सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की। वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) की तरफ से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी।
- भारतीय नौसेना की सात गोताखोर टीमें रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो के लिए स्टैंडबाय पर हैं।
- जोशीमठ में 30 बेड का अस्पताल बनाया गया है। सीएमओ चमोली ने तपोवन में मेडिकल टीम का निरीक्षण किया। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज एम्स ऋषिकेश और जॉली ग्रांट अस्पताल को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
- सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विशेषज्ञ ग्लेशियर के प्रकोप के पीछे का कारण बता सकते हैं। लेकिन हमारी सरकार अभी लोगों के जीवन को बचाने पर केंद्रित है। उन्होंने ट्वीट कर बताया, 'अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।'
- मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि चमोली जिले के तपोवन और जोशीमठ में अगले दो दिनों में कोई प्रतिकूल मौसम की उम्मीद नहीं है, जहां अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण 9 फरवरी से 10 फरवरी की शाम को उत्तराखंड के उत्तरी भाग में हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना है। घटना जोशीमठ से 26 किलोमीटर दूर रेनी गांव के पास हुई है।