- ड्रग्स और साइबर क्राइम राज्य के लिए चिंता का विषय है।
- डीजीपी का दावा- महिला सुरक्षा और बच्चों के प्रति होने वाले अपराध पर अंकुश लगाने पर जोर है।
- सोशल मीडिया से भी अपराध को बढ़ावा मिल रहा है।
Times Now Navbharat Navnirman Manch Uttarakhand Conclave:उत्तराखंड राज्य के डीजीपी ने इस कान्क्लेव में शिरकत की और खुलकर पुलिस प्रशासन की कार्यशैली और चुनौतियों पर चर्चा की। राज्य में ऐसा कहा जा रहा है कि डीजीपी ने कई सोशल मुद्दों पर लोगों को स्थानीय भाषा में लोगों को समझाया, इस कदम की जमकर तारीफ हो रही है, इस बारे में पूछने पर उनका कहना था कि सपाट भाषा से लोगों को हिट नहीं होता है इसलिए ये कदम उठाया, पहाड़ी राज्यों में ड्रग्स की समस्या बहुत बड़ी है, इस बारे में डीजीपी ने कहा कि हां ये समस्या है इसके लेकर हम बेहद गंभीर हैं।
डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस की जो चार अहम प्राथमिकताएं हैं। उनमें ड्रग्स और साइबर क्राइम को सबसे उपर रखा गया है, और उसके बाद महिला सुरक्षा और ट्रैफिक हमारी मुख्य प्राथमिकताएं हैं।
ड्रग्स और साइबर क्राइम को सर्वाधिक प्राथमिकता देने पर डीजीपी का कहना था कि ये हमारे सामने नई चुनौतियां हैं और पिछले 4-5 सालों में इतनी हाईलाइट हुईं हैं, वहीं सड़क सुरक्षा और महिलाओं की सुरक्षा की चुनौती तो पहले से ही थी।
ड्रग्स का सिंडिकेट का इतनी तेजी से जाल फैल रहा है। और इसके लिए कहीं ना कहीं ड्रग्स के पैसों से आतंकवाद को फंडिंग हो रही है तो हमें ड्रग को रोकने के लिए बड़ी पहल की जरूरत है समाज को जागरूक करने की जरूरत है। इसके लिए ड्रग्स की सप्लाई साइड के साथ ही उसकी डिमांड सप्लाई साइड पर भी अंकुश लगाना होगा।
बच्चों और महिलाओं के खिलाफ ये क्राइम उत्तराखंड में क्यों बढ़ रहे हैं इसपर डीजीपी का कहना है कि इसके पीछे सोशल मीडिया का भी रोल है, रिलेशन जो ऑनलाइन हो रहे हैं उसका भी रोल है।हम बच्चों और महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को रोकने के लिए सजग हैं और निर्देश है कि उनके साथ किसी भी अत्याचार की रिपोर्ट दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए तभी इस पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।