- वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में नववर्ष के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़
- भगदड़ बीती रात लगभग ढाई बजे मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई
- अचानक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से भगदड़ मची
जम्मू-कश्मीर के माता वैष्णो देवी के मंदिर में शनिवार को मची भगदड़ में मरने वाले तीर्थयात्रियों में गोरखपुर के एक 30 साल के आयुर्वेद डॉक्टर भी थे। उनकी 30 दिन पहले ही शादी हुई थी। बुलंदशहर के खुर्जा के एक कॉलेज से बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS) की डिग्री हासिल करने वाले अरुण प्रताप सिंह गोरखपुर में एक अस्पताल चला रहे थे।
'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के अनुसार, 29 दिसंबर को अरुण अपनी पत्नी अर्चना सिंह के साथ गोरखपुर से वैष्णो देवी के लिए रवाना हुए। अर्चना भी पेशे से डॉक्टर हैं। अरुण के दोस्त अजय कुमार और डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह भी अपनी पत्नियों के साथ उनके साथ दर्शन के लिए गए थे। अनुग्रह नारायण गोरखपुर अस्पताल में पार्टनर हैं।
अरुण के पिता सत्य प्रकाश ने बताया कि तीनों कपल ने एक कार किराए पर ली और 29 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हुए। मैंने गुरुवार को अरुण से बात की तो उसने कहा कि वह जालंधर पहुंचे हैं। अरुण ने अपनी मां तारा देवी के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि अरुण हमारे परिवार में पहला डॉक्टर था। वह अपने रिश्तेदारों और स्थानीय निवासियों के लिए एक प्रेरणा था। गांव के सभी लोग उस पर गर्व करते थे। अपने हिंद अस्पताल में अरुण कभी भी मरीजों से अधिक शुल्क नहीं लेता था।
गोरखपुर के चौरी चौरा क्षेत्र के रामपुर भुर्ज गांव के रहने वाले अरुण प्रताप सत्य प्रकाश सिंह और तारा देवी के इकलौते बेटे थे। उनकी छोटी बहन प्रियंका सिंह की शादी हो चुकी है।
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सत्य प्रकाश के अनुसार, उन्हें इस घटना के बारे में तब पता चला जब टेलीविजन चैनलों पर यह खबर आई। उन्होंने कहा कि कुछ देर में मीडिया ने मेरे बेटे का नाम मृतक के साथ दिखाना शुरू कर दिया। उन्होंने अरुण के सेलफोन पर कॉल किया लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी सहित रिश्तेदारों को सूचित किया और उनसे खबर की पुष्टि करने का अनुरोध किया।
उन्होंने बताया कि आधिकारिक तौर पर मुझे मौत के बारे में तब पता चला जब दो सरकारी अधिकारी शनिवार की सुबह मेरे आवास पर आए और मुझे सूचित किया। सरकारी अधिकारी मेरे छोटे भाई को लखनऊ से शव लेने के लिए ले गए। अर्चना सिंह और उनके बेटे के साथ यात्रा करने वाले अन्य लोग सुरक्षित हैं। अरुण ने 1 दिसंबर, 2021 को कुशनीनगर की अर्चना से शादी की थी।
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