- उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू की पोती ने पेश की मिसाल
- सुषमा नायडू ने अपनी शादी के खर्च में कटौती कर दान किए 50 लाख रुपये
- गृह मंत्री अमित शाह ने की सुषमा और उपराष्ट्रपति की तारीफ
हैदराबाद: आजकल शादी के दौरान जमकर खर्च करना एक स्टेट्स सिंबल सा बन गया है। लोग वेडिंग प्लानिंग पर ही लाखों की धनराशि खर्च कर देते हैं ताकि उनकी शादी यादगार बन सके हैं। ऐसे दौर में जब शादियों में अंधाधुंध खर्चा करना फैशन सा बन गया है, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पोती सुषमा ने एक मिसाल पेश की है। अगले महीने शादी के बंधन में बंधने जा रही सुषमा ने शादी से पहले एक ऐसा काम किया है जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है।
गरीब बच्चों के इलाज में खर्च होंगे 50 लाख
पीटीआई की मुताबिक, बाल दिवस के मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पोती सुषमा ने अपनी शादी के खर्च में कटौती करके समाज के गरीब वर्गों के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की राशि दान दी। सुषमा की शादी अगले महीने होनी है। उन्होंने शादी से संबंधित खर्च में कटौती करने का संकल्प लिया था ताकि उनके दादा-दादी और माता-पिता उनके इस पहल के लिए 50 लाख रुपये की राशि का योगदान दे सकें। रविवार को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हैदराबाद की संस्था ‘हृदय- क्योर ए लिट्ल हार्ट फाउंडेशन’ को 50 लाख रुपये का चेक सौंपा गया।
अमित शाह ने दी शुभकामनाएं
सुषमा ने बताया कि अगले महीने उनकी शादी होनी हैं ऐसे में उन्होंने शादी के खर्च में कटौती करने का संकल्प लिया तांकि गरीब बच्चों का इलाज हो सके। सुषमा के इस शानदार पहल के गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें तथा उनके माता-पिता को शुभकामनाएं दी। इससे पहले शनिवार को ही नेल्लोर के वेंकटचलम में स्वर्ण भारत ट्रस्ट की 20वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश की आबादी का लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं हैं जिन्हें पुरुषों के समान विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
शाह ने की थी उपराष्ट्रपति की तारीफ
स्वर्ण भारत ट्रस्ट के कार्यक्रम में भाग लेते हुए अमित शाह ने उपराष्ट्रपति ने वेकैंया नायडू की जमकर तारीफ की थी। अमित शाह ने कहा था, ' उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू एक बेहद अनुशासित व्यक्ति हैं और उन्होंने संविधान की भावनाओं का सम्मान करते हुए सभी राजनीतिक गतिविधियों से स्वयं को अलग कर लिया है। वेंकैया जी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए हमारी पार्टी बैक टू बेसिक की ओर गई और वहां से इसका ग्राफ़ ऊपर की ओर बढ़ना शुरू हुआ।'