- CM ने पानी के बताशे के लिए खुद फोड़ा आलू, फिर चम्मच से भरी चटनी
- सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी के इस अंदाज को देख लोग कर रहे तारीफ
- एक यूजर ने कहा- अब भक्त को मिर्ची का अहसास होगा और वे बच्चों की तरह रोएंगे
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चीफ ममता बनर्जी की तेज तर्रार छवि के साथ धारदार तेवर और अंदाज से तो आप वाकिफ ही होंगे, पर उनकी पर्सनालिटी के कुछ और पहलू भी हैं। ऐसा ही उनका एक रूप मंगलवार (12 जुलाई, 2022) को उत्तरी बंगाल में देखने को मिला। वह इस दौरान दार्जिलिंग में एक स्ट्रीट फूड स्टॉल पर फुचका बनाते देखी गईं।
पानीपूरी बनाने के बाद उन्होंने उसे बच्चों के साथ कुछ और लोगों को सर्व भी किया। ऐसे में दीदी का यह अंदाज देख स्थानीय उनके फोटो और वीडियो लेने लगे। घटना से जुड़ा एक वीडियो समाचार एजेंसी एएनआई ने भी जारी किया है। दो मिनट 50 सेकेंड की इस क्लिप में वह पानी के बताशों में भरे जाने वाले आलू को तैयार करते नजर आईं। बाद में उन्होंने बताशा लिया और उसमें चटनी भर कर बच्चों को परोसा।
ममता को फुलकी बनाते देख क्या बोले लोग?
सीएम ममता के फुलकी बनाने वाले वीडियो पर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर लोगों ने तरह-तरह के रिएक्शंस दिए। @ManiSAiyarINC के हैंडल से लिखा गया, "अब भक्तों को मिर्ची लगेगी और वे बच्चे की तरह रोने लगेंगे। @tuhimeradil ने कहा- पानीपूरी तो बाहरी (दूसरे राज्य की) चीज है। ये बंगालियों की नहीं है। आखिरकार हिंदी पट्टी के इस स्नैक को बंगाल ने क्यों कबूला?" @shail719 ने कहा- ऐसा लगता है कि चुनाव हारने के बाद उन्होंने अपना भविष्य देख लिया है।
एक नजर में जानिए पानीपूरी को
भारत में पानीपूरी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। यह जाना-माना और बजट के अंदर आने वाला स्ट्रीट फूड है। उत्तर भारत में इसे पानीपूरी या गोलगप्पे, पूर्व भारत में फुचका या गुप-चुप, दक्षिण भारत में पानीपूरी और पश्चिम भारत में गुपचुप के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर हिंदुस्तान में इसे दोपहर या शाम के समय खाना पसंद किया जाता है। इसे पानी के बताशे, पताशी, फुलकी, टिक्की, पड़ाका और वॉटर बॉल्स नाम से भी जाना जाता है। यह करीब 20 से अधिक तरीकों से बनाई जा सकती है, जिनमें खट्टी-मीठी और तीखी पानीपूरी सबसे पॉपुलर हैं।