- अनारक्षित शिक्षकों के पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग को लेकर हो रहे हैं डुंगरपुर में प्रदर्शन
- इस प्रदर्शन के दौरान हो चुकी है 2 लोगों की मौत, प्रदर्शकारियों ने हाइवे पर किया कब्जा
- सरकार प्रदर्शनकारियों को मनाने में जुटी, मंत्री और विधायक पहुंचे बात करने
जयपुर : राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती में अनारक्षित पदों को एसटी उम्मीदवारों से भरने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकार प्रदर्शनकारियों को मनाने में जुटी है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। प्रदर्शनकारियों ने हाइवे के आसपास के कई किलोमीटर वाले इलाके पर कब्जा किया है और कुछ प्रदर्शनाकारी उदयपुर के खेरवाड़ा की पहाड़ियों पर बैठकर पुलिस पर नजर बनाए हुए हैं।
नक्सली अंदाज में हमला
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक हिंसक प्रदर्शनकारियों ने शनिवार रात अहमदाबाद-उदयपुर हाइवे पर स्थित श्रीनाथ कॉलोनी में जमकर उत्पात मचाया और घरों तथा दुकानों में इस तरह तोड़फोड़ की मानों कोई नक्सली हमला हो रहा हो। सुबह पुलिस की टीम को यहां तैनात कर दिया। यहां प्रदर्शनकारियों ने वाहनों और दुकानों में आग लगा दी और लूटपाट भी की। सबसे बड़ी बात ये रही कि ये प्रदर्शनकारी 15 से 25 साल के बीच के युवा लड़के थे।
मंत्रियों ने की प्रदर्शनकारियों से मुलाकात
सरकार प्रदर्शनकारियों को मनाने में जुटी हैं। राजस्थान के मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया, विधायक दयाराम परमार और अन्य नेताओं ने प्रदर्शनकारियों के साथ डूंगरपुर में जाकर एक बैठक की। प्रदर्शनकारी शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे हैं। पिछले 8 दिनों से प्रदर्शनकारियों द्वारा नेशनल हाइवे 8 अवरूद्ध किया गया है। इस हिंसक प्रदर्शन में अभी तक 2 लोगों की मौत हो गई है।
खोला जाएगा हाइवे
बैठक के बाद राजस्थान के मंत्री अर्जुन एस बामनिया ने कहा, 'समिति ने पूरे क्षेत्र में शांति बनाए रखने का निर्णय लिया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यहां कोई अशांति नहीं होनी चाहिए। जहां तक भर्ती प्रक्रिया का सवाल है, मामला अदालत में है। कोर्ट इस पर गौर करेगा, हर कोई इसके लिए सहमत हो गया है।' वहीं कांग्रेस विधायक दयाराम परमार ने कहा, 'यह निर्णय लिया गया है कि शांति बहाल की जाएगी। आज हाईवे को खोल दिया जाएगा। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। उन्हें अपने संबंधित पंचायतों में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है।'