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वीके सिंह का सनसनीखेज दावा-'रहस्यमय आग' लगने से गलवान घाटी में भड़की हिंसा

Updated Jun 29, 2020 | 12:49 IST

VK Singh on Galwan Valley faceoff: केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का कहना है कि गलवान घाटी में चीनी तंबू में आग लगने के बाद वहां हिंसा भड़की। उन्होंने कहा कि तंबू में पता नहीं क्या था।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का सनसनीखेज दावा।
मुख्य बातें
  • 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प
  • इस घटना के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के बीच तनाव है
  • भारत ने चीन को साफ संदेश दिया है कि वह अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा

नई दिल्ली : गलवान घाटी में गत 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष के पीछे वजह पीएलए की तरफ से यथास्थिति में बदलाव करना बताया गया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन एकतरफा यथास्थिति में बदलाव की कोशिश कर रहा था जिसे भारतीय सैनिकों ने रोका जिसके बाद वहां हिंसक झड़प हुई। वहीं, केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने इस खूनी टकराव के पीछे सनसनीखेज दावा किया है। वीके सिंह का कहना कि गलवान घाटी में चीनी सैनिक अपना तंबू हटा रहे थे और इसी दौरान उसमें आग लग गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तंबू में चीनी सैनिकों ने पता नहीं क्या रखा था कि उससे आग लग गई। इस घटना के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प शुरू हुई। वीके सिंह ने यह बात न्यूज चैनल एबीपी से बातचीत में कही है।

'तंबू में आग लगने के बाद भड़की हिंसा'
इस बातचीत में सिंह ने कहा कि भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता में इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों देशों की तरफ से कोई भी जवान सीमा के समीप तैनात नहीं रहेगा। लेकिन टकराव वाले दिन भारतीय सैन्य अधिकारी जब सीमा की जांच करने गए थे तो उन्होंने पाया कि सहमति के अनुरूप चीनी सैनिक वहां से नहीं गए थे। चीनी सैनिकों ने वहां पर एक टेंट भी लगा लिया था। भारतीय अधिकारी के कहने पर जब चीनी सैनिकों ने टेंट हटाना शुरू किया तो उसमें अचानक आग लग गई। इसके बाद दोनों तरफ के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष शुरू हो गया। 

वीके सिंह का दावा-चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए
वीके सिंह ने जोर देकर कहा कि इस खूनी झड़प में चीन के 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हुए। बता दें कि गत 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई इस खूनी झड़प को बीते 45 सालों में सबसे भीषण टकराव बताया जा रहा है। इस घटना के बाद भारत और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। एलएससी के पास दोनों देशों ने अपनी सेना की तादाद में काफी इजाफा कर लिया। भारत ने चीन की तरफ से होने वाली किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए लद्दाख में अपनी तीन डिवीजन तैनात की है।

सीमा पर बना हुआ है तनाव
चीन ने तिब्बत और एलएसी के समीप अपने वायु सेना ठिकानो पर लड़ाकू विमान, ड्रोन और हेलिकॉप्टर तैनात कर रखे हैं। सीमा पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर की बातचीत भी चल रही है लेकिन अभी इस दिशा में कोई ठोस सफलता हाथ नहीं लगी है। भारत ने चीन को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी 'मन की बात' में रविवार को कहा कि 'भारत अगर दोस्ती निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर जवाब देना भी जानता है।'

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