- कोरोना के भारत में अब तक 2301 मामले, 56 लोगों की हुई मौत
- तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों की वजह से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा
- मौलाना साद के खिलाफ वसीम रिजवी ने दी तहरीर
नई दिल्ली। मौलाना मोहम्मद साद इस समय चर्चा में है। निजामुद्दीन मरकज में जिस तरह से तबलीगी जमात के हजारों लोग जुटे और कोरोना के वाहक बने उससे देश संकट में है। देश के हर वर्ग में गुस्सा है कि आखिर मौलाना साद को जब पता था कि देश कोरोना का सामना कर रहा है तो उन्होंने अपनी बैठकों को मुल्तवी क्यों नहीं किया। मौलाना साद की सोची समझी साजिश का शिकार आज देश हो चुका है। अब इसके खिलाफ यूपी शिया वक्फ सेंट्रल बोर्ड के चेयरपर्सन वसीम रिजवी ने साद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तहरीर दी है।
तब्लीग ने देश को बर्बाद करने की साजिश रची
अपनी चिट्ठी में वो लिखते हैं कि मौलाना साद की तब्लीगी जमात ने देश को बर्बाद करने की साजिश रची है। उन्हें यह पता था कि जिस समय मरकज में जमात के लोग हजारों की संख्या में जुटे हुए थे तो उस समय देश और दुनिया में कोरोना की वजह से किस तरह की तैयारियां चल रही थीं। जब जमात के लोगों को निजामुद्दीन स्टेशन के एसएचओ ने समझाया तो भी वो यह समझने के लिए तैयार नहीं थे कि उनकी लापरवाही का खामियाजा कितने लोगों को भुगतना होगा।
'मौलाना साद को सब पता था'
वसीम रिजवी अपनी तहरीर में कहते हैं कि ऐसा नहीं था कि मौलाना साद को जानकारी नहीं देश में किस तरह का माहौल है। जब वो निजामुद्दीन मरकज में तकरीर कर रहे थे कि यह सब तो मुसलमानों को इकट्ठा होने से रोकने की कोशिश है तो एक तरह से वो भड़काने का काम कर रहे थे। मरकज की अंदर से जो वीडियो आया उससे पता चलता है कि लोगों को खांसी आ रही थी और वो किसी दूसरे के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है। लेकिन उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी। मौलान साद ने यह बताना भी उचित नहीं समझा कि कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं जिनमें कोरोना की संभावना हो सकती है।