नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि किसान यूनियन के नेता उन किसानों से मिलेंगे जो तीनों कृषि कानूनों पर केंद्र का समर्थन कर रहे हैं और उनसे उन लाभों के बारे में जानकारी लेंगे जो इन कानूनों से मिल रहे हैं। टिकैत ने कहा, 'हम उन किसान समूहों से मिलेंगे, जो तीन कृषि कानूनों पर केंद्र का समर्थन कर रहे हैं। हम उनसे इस बारे में जानकारी लेंगे कि वे किस तरह से कृषि कानूनों से लाभान्वित हो रहे हैं और वह तकनीक सीखेंगे, जिसका उपयोग वे अपनी फसल बेचने के लिए कर रहे हैं।'
इस बीच, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करे रहे किसानों ने सोमवार सुबह एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी। किसान नेताओं के अनुसार प्रदर्शन कर रहे किसान अलग-अलग समूहों में भूख-हड़ताल करेंगे और पहले समूह में 11 लोग होंगे। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान बीते करीब चार हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और कहा कि वे इसकी तिथि तय करें। सरकार ने कहा है कि कृषि कानूनों में पहले जिन संशोधनों का प्रस्ताव दिया गया था, उन्हें लेकर जो चिंताएं हैं, संगठन वे भी बताएं। किसानों के 40 संगठनों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि केंद्र किसानों की सभी चिंताओं का उचित समाधान निकालने की खातिर खुले मन से हरसंभव प्रयास कर रहा है। सरकार से किसानों की अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है जो विफल रही है। किसानों के संगठनों की एक बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी बैठक हो चुकी है, लेकिन उसका नतीजा भी शून्य रहा है।