- बंगाल में स्थिति कश्मीर से भी बदतर, ईरान-इराक के समान : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
- पश्चिम बंगाल की कानून एवं व्यवस्था चुनाव कराने के अनुकूल नहीं: घोष
- राज्य में विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2021 में होने भी संभावना है
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को आरोप लगाया कि राजनीतिक हिंसा बढ़ने के साथ राज्य की कानून व्यवस्था कश्मीर से भी बदतर हो गई है और ईरान और इराक के समान है। उन्होंने टीएमसी सरकार पर स्थानीय निकायों के चुनावों में देरी करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, 'यदि नगरपालिका चुनाव हैदराबाद और असम में हो सकते हैं, तो यहां क्यों नहीं। स्थिति कश्मीर से भी बदतर है और ईरान और इराक के समान है। दीदी (ममता बनर्जी) ने साबित कर दिया है कि पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था चुनाव के लिए अनुकूल नहीं है।' उन्होंने ममता बनर्जी सरकार को कोलकाता नगर निगम चुनाव ही नहीं, बल्कि सभी स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने की चुनौती दी है।
घोष ने कहा कि भाजपा को पिछले पंचायत चुनावों के दौरान प्रचार करने की अनुमति नहीं दी गई और उनके कार्यकर्ताओं को पीटा गया और बूथ से बाहर कर दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि टीएमसी कोलकाता नगर निगम और अन्य निकायों के चुनाव हार जाएगी।
अगले साल विधानसभा चुनाव
घोष की टिप्पणी तब आई है, जब राज्य के एक वरिष्ठ चुनाव आयोग (SEC) अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार मार्च में केएमसी चुनाव कराने के लिए तैयार है। विपक्षी भाजपा ने अक्टूबर में एसईसी अधिकारियों से मुलाकात की थी और मांग की थी कि विधानसभा चुनाव से पहले केएमसी चुनाव कराए जाएं। अप्रैल 2020 में सिविक चुनाव कराए जाने थे, लेकिन राज्य सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के कारण इस प्रक्रिया को स्थगित कर दिया। अप्रैल और मई में होने वाले संभावित 2021 विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की 107 नगरपालिकाओं और केएमसी के चुनावों को टीएमसी और भाजपा के लिए लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है।