- बंगाल दौरे पर पहुंचे जेपी नड्डा के रोडशो में उमड़ी लोगों की भीड़
- ममता जी अब चुनाव आ गए हैं। अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत- नड्डा
- अभी तक पीएम मोदी सहित कई बीजेपी के दिग्गज नेता कर चुके हैं बंगाल का दौरा
मालदा: बंगाल में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने ताबड़तोड़ जनसंपर्क अभियान शुरू किए हैं। बीजेपी के प्रचार अभियान को देखकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की चिंताएं भी बढ़ने लगी है। प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री, बीजेपी अध्यक्ष सहित कई केंद्रीय मंत्री भी राज्य का दौरा कर चुके हैं और इसी कड़ी में आज बंगाल के नदिया इलाके में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने "परिवर्तन रैली" की शुरूआत की और ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा।
अब पछताए होत क्या...
ममता सरकार पर हमला करते हुए नड्डा ने कहा, 'आज जब बंगाल के करीब 25 लाख किसानों ने केंद्र सरकार को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए अर्जी भेजी, तो ममता जी कहती हैं कि मैं भी योजना लागू करूंगी। ममता जी अब चुनाव आ गए हैं। अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत। मुझे खुशी है कि लगभग 33 हजार ऐसे गांव तक हम पहुंच पाये हैं और लगभग 30 हजार हमारी कृषक ग्रामसभा हो चुकी है, जिसके अंतर्गत कृषक सहभोज का कार्यक्रम हुआ है।आने वाले समय में हम 40 हजार तक पहुंच जाएंगे।'
जय श्रीराम के नारों से क्यों बौखला जाती हैं दीदी
जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपने अहं को संतुष्ट करने के लिये राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी पूछा कि 'जय श्रीराम' के नारों के लेकर वह आपा क्यों खो देती हैं। नड्डा ने एक माह तक चलने वाले पार्टी के 'कृषक सुरक्षा अभियान' के अंतिम चरण में शिरकत करते हुए कहा कि राज्य की जनता ने बनर्जी और उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव में 'नमस्ते और टाटा' कहने का मन बना लिया है।
बंगाल में बीजेपी ने कसी कमर
दरअसल में बंगाल में बीजेपी इस बार एक मिशन लेकर चुनावी अभियान में कूदी है और दिग्गज सुभेंदु अधिकारी सहित अभी तक कई टीएमसी विधायक पार्टी में शामिल हो चुके हैं। इतना ही नहीं बीजेपी बंगाल में संभावित उम्मीदवारों के तौर पर मुस्लिम कैडर तैयार कर रही है और इसका जिम्मा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे को दिया गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो पश्चिम बंगाल में लगभग 50 अल्पसंख्यक बहुल विधानसभा सीटों की पहचान की है और उनका मानना है कि इनमें से कुछ सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार आगामी चुनाव लड़ेंगे।
ममता के लिए चुनौतियां बढ़ीं
बंगाल में इस बार ममता बनर्जी को केवल बीजेपी की चुनौती से नहीं निपटना है बल्कि उसके नेता भी लगातार चुनौती दे रहे हैं और पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। ऐसे में ममता के लिए संकट बढ़ता जा रहा है। दूसरी तरफ जिस तरह से बीजेपी नेताओं की रैली या रोडशो में भीड़ उमड़ रही है वो भी ममता को टेंशन दे रही है। वैसे अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है और ऐसे में जैसे ही तारीखें घोषित होंगी तो फिर चुनाव प्रचार किस तरह का होगा इसका आप अंदाजा लगा सकते हैं।