नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट 2021-22 (Union Budget 2021) पेश किया। इस बजट में चुनावों का सामना करने जा रहे राज्यों पश्चिम बंगाल, असम और केरल पर विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने इन राज्यों में सड़क, रेल और राजमार्गों के निर्माण के लिए बजट में विशेष परियोजनाओं की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने केरल में 65,000 करोड़ रुपए की लागत वाली सड़क एवं रामार्ग परियोजनाओं की घोषणा की है। पश्चिम बंगाल में 25,000 करोड़ रुपए की लागत से सड़क एवं राजमार्ग परियोजनाओं को पूरा जाएगा जबकि असम में सड़क संरचना पर 3,400 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन तीनों राज्यों में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होंगे।
कोच्चि मेट्रो के फेज-2 पर होगा काम
यही नहीं वित्त मंत्री ने कहा कि कोच्चि मेट्रो के फेज-2 पर काम शीघ्र शुरू होगा। मेट्रो के इस चरण में उसकी दूरी 11.5 किलोमीटर और बढ़ाई जाएगी। इस पर 1957.05 करोड़ रुपए की लागत आएगी। सीतारमण ने कहा कि सरकार देश में सड़क निर्माण ढांचे को मजबूत बनाना चाहती है। सरकार मार्च 2022 तक 8,500 किलोमीटर सड़क और अतिरिक्त 11,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण करेगी। शहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन पर 18,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए देश में आर्थिक गलियारों का निर्माण किया जाएगा।
राजमार्गों एवं एक्सप्रेस-वे का निर्माण
पिछले महीने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एनएचएआई का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 60,000 किलोमीटर राजामार्गों के निर्माण का लक्ष्य है। गडकरी ने कहा कि इसमें 2500 किलोमीटर एक्सप्रेस हाई-वे का निर्माण भी शामिल है।
पीएम ने की बजट की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है। यह बजट दुनिया में एक अत्मविश्वास भरेगा। बजट में आत्मनिर्भरता का विजन और हर नागरिक एवं वर्ग का समावेश है। इसमें लोगों के लिए नए अवसरों का विस्तार, युवाओं के लिए रोजगार के नए मौकों का निर्माण और आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ने का लक्ष्य है। यह बजट आम लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाएगा। पीएम ने कहा कि बजट के केंद्र में गांव और किसान हैं।
इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए बजट 2021-22 पेश किया। वित्त मंत्री ने इस बार मध्यम वर्ग कोई राहत नहीं दी है। इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बीमा क्षेत्र में सरकार ने एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी है। सरकार विनिवेश के रास्ते पर आगे बढ़ी है। बजट में कृषि, स्वास्थ्य और बुनियादी संरचनाओं पर विशेष जोर दिया गया है।