कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच कई मौकों पर टकराव साफ जाहिर हो चुका है। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी दोनों आमने-सामने हैं। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जहां देश के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं पश्चिम बंगाल भी इससे अछूता नहीं है, जहां इसके विरोध में उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जहां साफ कर दिया है कि वह इस कानून और एनआरसी को राज्य में लागू नहीं करेंगी, वहीं राज्यपाल धनखड़ कई मौकों पर कह चुके हैं कि किसी भी राज्य के पास इस मामले में ना कहने का अधिकार नहीं है और उन्हें संशोधित नागरिकता कानून के साथ-साथ एनआरसी भी लागू करना होगा। अब एक बार फिर उन्होंने अपनी बात दोहराई है और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून पर फौरी रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इससे इनकार कर दिया, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए धनखड़ ने कहा कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी नागारिकता संशोधन अधिनियम, 2019 पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसलिए हर किसी को विरोध-प्रदर्शन का रास्ता छोड़ देना चाहिए, ताकि शांति व सामान्य हालात बहाल किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि विरोध-प्रदर्शन के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 59 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। लेकिन कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए स्टे लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि शीर्ष अदालत ने सभी मामलों केंद्र से जवाब तलब किया है और मामले की सुनवाई 22 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।