नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 700 को पार कर गए हैं और बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके लिए प्रतिबंध मई के आखिर तक जारी रखने के सुझाव दिए हैं। इस बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले और मृतकों की संख्या छिपाई जा रही है और डॉक्टर्स पर इसके लिए दबाव बनाया जा रहा है कि वे संक्रमण के मामलों और मृतकों की संख्या के बारे में सही जानकारी न दें।
पश्चिम बंगाल में बढ़ रहे कोरोना केस
अधीर रंजन चौधरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण के 725 मामले सामने आए हैं, जबकि राज्य में 22 लोगों की अब तक जान गई है। वहीं, राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने बुधवार को बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण के 33 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद यहां संक्रमण के कुल एक्टिव केस 550 हैं।
अधींर रंजन चौधरी का आरोप
इन्हीं आंकड़ों पर कांग्रेस नेता ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल से सच्चाई सामने नहीं आ रही है। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल सरकार कोविड-19 के मामलों और इससे जान गंवानों के बारे में तथ्य छिपा रही है। मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी की मौत संक्रमण से हो जाती है तो वे मौत के कारण को कोविड-19 के तौर पर नहीं बताएं। यह अन्याय है।'
कोटा से लाए जाएंगे छात्र
इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजस्थान के कोटा में फंसे पश्चिम बंगाल के छात्रों को वापस राज्य लाने की योजना बनाई है, जिसके लिए बसों का इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोटा में पश्चिम बंगाल के करीब ढाई-तीन हजार छात्र फंसे हैं। उन्हें बसों ने वापस यहां लाया जाएगा। उन्हें घर पहुंचाने में तीन दिन का वक्त लग सकता है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक तरफ जहां उन्होंने मई तक प्रतिबंधों को बरकरार रखने का सुझाव दिया है, वहीं इलाकों को रेड जोन और ग्रीन जोन में बांटकर कुछ छूट देने की बात भी कही है, जो सोमवार से लागू होगा।