नई दिल्ली : कोविड-19 की स्थिति का आंकलन करने वाली केंद्रीय टीम को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और गृह मंत्रालय के बीच रस्साकशी तेज हो गई है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को ममता बनर्जी को पत्र लिखकर एक बार फिर याद दिलाया कि कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के तहत हुआ है और राज्य सरकार को उसके काम में जरूरी सहयोग जरूर करना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे पत्र में कहा, 'मंत्रालय को यह देखने में आया है कि कोलकाता और जलपाईगुड़ी दोनों जगहों पर राज्य एवं स्थानीय अधिकारियों ने आईएमसीटी को जरूरी सहयोग नहीं दिया है।'
इससे पहले गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'कोविड-19 की स्थिति का जायजा लेने पश्चिम बंगाल गई केंद्रीय टीमों को सहयोग नहीं दिया जा रहा है। उन्हें इलाके का दौरा करने और जगहों का आकलन करने से रोका गया है।'
बता दें कि एमएचए ने सोमवार को कहा मुंबई, पुणे, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य स्थानों पर कोविड-19 के फैलने का खतरा बना हुआ है। मंत्रालय का मानना कि इन जगहों पर लॉकडाउन का उल्लंघन हुआ है। इन जगहों का आकलन और जायजा लेने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों का गठन किया गया है।
रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव चंद्रा ने कहा, ‘हमें केन्द्र सरकार ने तैनात किया है और तैनाती के हमारे आदेशानुसार राज्य सरकार हमें जरूरी साजोसामान मुहैया कराएगी। मैं मुख्य सचिव के सम्पर्क में हूं और यहां आने के बाद से ही उनसे मदद मांग रहा हूं।’ उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘मैंने कल उनसे मुलाकात भी की थी। लेकिन आज हमें बताया गया कि कुछ समस्याओं के चलते हम आज बाहर नहीं जा सकते। मुख्य सचिव हमसे मिलने आने वाले हैं और हम फिर उनके साथ बैठक करेंगे।’
इससे पहले टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि कोई भी शख्स जो बंगाल आकर मदद करना चाहता है उसका स्वागत है। लेकिन जिस तरह से सलेक्टिव तरीके से बंगाल को निशाना बनाया जा रहा है उसका विरोध करते हैं। लेकिन जानबूझकर किसी राज्य सरकार को परेशना करने की नीयत से टीम भेजी जा रही है तो परेशानी आपको भी होगी।