- बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कांग्रेस पर जोरदार हमला।
- उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और कांग्रेस पर्यायवाची हैं।
- हाल ही में कर्नाटक की बीजेपी सरकार के मंत्री पर कमीशन मांगने का आरोप लगा है।
कर्नाटक के होसपेट में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार (17 अप्रैल) को कार्यकर्ता समावेश सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और कांग्रेस पर्यायवाची हैं। जहां बीजेपी है वहां मिशन है, जहां कांग्रेस है वहां कमीशन है। भ्रष्टाचार और कांग्रेस एक सिक्के के दो पहलू हैं।
दूसरी ओर आज पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के आरोप पर राज्य सरकार के खिलाफ पार्टी के अन्य नेताओं के साथ एक विरोध रैली में भाग लिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मंत्री और विधायक सरकारी कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए 40% कमीशन की मांग कर रहे थे।
साथ ही उन्होंने कहा कि आज कर्नाटक दुनिया का एक लीडिंग आईटी हब के रूप में विकसित हो रहा है। कर्नाटक के लोग उद्यमी हैं, मेहनती हैं और आगे बढ़कर चलने की तमन्ना लेकर चलने वाले लोग हैं। कर्नाटक पुरातन संस्कृतियों को संभालकर नई ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए तत्पर है।
भारत अब सिर्फ भारत की सेवा के लिए नहीं जाना जा रहा है, आज भारत दुनिया में योगदान देते हुए, दुनिया को आगे बढ़ाने के लिए मोदी जी के नेतृत्व में काम कर रहा है। कोरोना संकट के समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मोदी सरकार ने देश भर के 80 करोड़ गरीबों को प्रति व्यक्ति 5 गेहूं/चावल देने का काम किया। कर्नाटक में लगभग 4 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।
गौर हो कि बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल उडुपी के एक होटल में मृत पाए गए थे, उन्होंने कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। व्हाट्सऐप संदेश के रूप में एक कथित सुसाइड नोट में, पाटिल ने अपनी मौत के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था। पाटिल ने पिछले महीने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह और बीजेपी के केंद्रीय नेताओं से शिकायत की थी कि उन्हें हिंडालगा गांव में किए गए सड़क कार्यों के लिए अब तक चार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। साथ ही, उन्होंने ईश्वरप्पा के सहयोगियों पर भुगतान जारी करने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था। इन आरोपों से घिरने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।