- श्वेतांबर 13 पंथ ने चरेवेति चरेवेति की महान परंपरा को नई ऊंचाई दी।
- आचार्य महाश्रमण जी ने 18 हजार किलोमीटर की पद यात्रा की है।
- पीएम ने कहा कि यह एक नए भारत के लिए एक नई यात्रा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (27 मार्च) को 'अहिंसा यात्रा सम्पन्नता समारोह कार्यक्रम' को संबोधित करते हुए कहा कि जहां अहिंसा है, वहां एकता, अखंडता और श्रेष्ठता है। मैं आचार्य महाश्रमण और अन्य सभी को इस यात्रा को पूरा करने के लिए बधाई देता हूं। यह एक नए भारत के लिए एक नई यात्रा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां आचार्य वही हुआ है जिसने चरेवेति चरेवेति के मंत्र को जिया है। श्वेतांबर 13 पंथ तो चरेवेति चरेवेति की सतत गतिशीलता की इस महान परंपरा को नई ऊंचाई देता है। आचार्य भिक्षू ने शिथिलता के त्याग को भी आध्यामिक संकल्प बनाया था। आधुनिक समय में आचार्य तुलसी और आचार्य प्रज्ञ जी से प्रारंभ हुई महान परंपरा आज आचार्य महाश्रमण जी के रूप में हम सबके सामने जीवंत है। सात वर्षों में 18 हजार किलोमीटर की पद यात्रा की है। यह पद यात्रा दुनिया के तीन देशों की यात्रा थी। इसके जरिये आचार्य श्री ने वसुधैव कुटुंबकम के विचार को विस्तार दिया है। इस पद यात्रा ने देश के 20 राज्यों को एक विचार से प्रेरणा से जोड़ा। जहां अहिंसा है वहीं एकता है। जहां एकता है वहीं अखंडता है। अखंडता है वहीं श्रेष्ठता है।
पीएम कहा कि मैं मानता हूं आपने एक भारत, श्रेष्ठ भारत के मंत्र को आध्यात्मिक संकल्प के रूप में प्रसारित करने का काम किया है। इस यात्रा के पूर्ण होने पर आचार्य महाश्रमण जी को और सभी अनुयायियों को श्रद्धापूर्वक बधाई देता हैं। श्वेतांबर 13 पंथ के आचार्यों का मुझे हमेशा से विशेष स्नेह मिलता रहा है।