लाइव टीवी

राफेल और चीन के जे-20 में कौन है ज्यादा ताकतवर, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

Updated Jul 28, 2020 | 13:05 IST

Rafale versus Chinese J-20 : चीन अपने लड़ाकू विमान जे-20 को पांचवी पीढ़ी का विमान होने का दावा करता है लेकिन रक्षा विशेषज्ञ उसके इस दावे पर सवाल उठाते हैं। फ्रांस से 5 राफेल बुधवार को भारत पहुंच रहे हैं।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspAP
जे-20 से ज्यादा बेहतरीन लड़ाकू विमान है राफेल।
मुख्य बातें
  • मिसाइलों से लैस होने के बाद और भी ज्यादा धातक हो जाता है राफेल
  • अपने वजन से डेढ़ गुना ज्यादा भार उठाता है राफेल, स्टील्थ फीचर्स भी हैं
  • ईंधन की खपत कम करता है, एक बार में कई अभियानों को देता है अंजाम

नई दिल्ली : फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंच रही है। पहली खेप में 5 राफेल लड़ाकू विमान शामिल हैं जो बुधवार को हरियाणा में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि ये लड़ाकू विमान युद्ध में हिस्सा लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव को देखते हुए इनकी तैनाती लद्दाख में हो सकती है। 

राफेल को 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान माना जाता है और यह दुनिया के बेहतरीन आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक है। चीन अपने लड़ाकू विमान जे-20 को पांचवी पीढ़ी के होनो का दावा करता है। फिर भी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राफेल चीन के लड़ाकू विमान जे-20 से कई मायनों में बीस है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के इस प्रमुख लड़ाकू का सामना राफेल आसानी से कर सकता है। 

वायु सेना अधिकारी ने बताईं राफेल की खूबियां
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए राफेल उड़ाने एवं उसका फ्लाइट टेस्ट करने वाले एयर मार्शल (रिटायर्ड) आर नांबियार का कहना है, 'चीन के फाइटर प्लेन चेंगदू जे-20 से राफेल कहीं अधिक श्रेष्ठ लड़ाकू विमान है। हालांकि जे-20 को पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान माना जाता है लेकिन शायद इसमें 3.5 पीढ़ी वाले लड़ाकू विमान की खूबियां हैं और इसमें तीसरी पीढ़ी के विमान का इंजन लगा है जैसा कि हमारे सुखोई में है।'

चीन के जे-20 के दावों पर संदेह
भारतीय वायु सेना की ओर से किए गए कई आंकलन को देखते हुए विशेषज्ञ जे-20 के स्टील्थ फीचर्स पर भी संदेह प्रकट करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अपने जे-20 लड़ाकू विमान के बारे में ज्यादा बढ़ाचढ़ाकर दावा करता है और यही बात उसके स्टील्थ फीचर्स को लेकर भी है। स्टील्थ लड़ाकू विमान की खूबी होती है कि वह रडार की पकड़ में आसानी से नहीं आता। वह अपने फीचर्स के चलते दुश्मन को चकमा देने में माहिर होता है। 

राफेल के आगे नहीं टिकेगा जे-20
विशेषज्ञों का दावा है कि जे-20 यदि चीन का सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमान है तो वह रूस से सुखोई-35 क्यों खरीदने गया? फिर भी रूस का यह लड़ाकू विमान राफेल के आगे नहीं टिकेगा। वायु सेना के पूर्व अधिकारी का कहना है, 'राफेल के अपने हथियारों के साथ लैस हो जाने के बाद सुखोई-35 पर वह भारी पड़ेगा। मिसाइलों के साथ लैस होकर और अपने स्टील्थ फीचर्स के साथ राफेल रूसी लड़ाकू विमान सुखोई-35 पर भारी पड़ेगा।' जे-20 में भी वही इंजन लगा है जो सुखोई-35 में है लेकिन जहां तक विश्वसनीयता एवं तकनीकी योग्यता का सवाल है उसमें राफेल बेहतरीन है।

अपने वजन से 1.5 गुना ज्यादा वजन उठाता है राफेल
नांबियार का कहना है, 'राफेल अपने वजन से 1.5 गुना ज्वादा वजन उठा सकता है, इसका मतलब यह हुआ कि वह जे-20 के मुकाबले ज्यादा हथियार एवं इंधन अपने साथ ले जा सकता है।' अन्य लड़ाकू विमानों की तुलना में राफेल में ईंधन की बचत ज्यादा होती है युद्ध अभियानों के समय काफी अहमियत रखता है। उड़ान भरने के बाद राफेल कम से कम चार अभियानों को अंजाम दे सकता है जबकि जे-20 में इस तरह की खूबी नहीं है। इसके अलावा राफेल अफगानिस्तान, लीबिया और सीरिया में अपना युद्ध कौशल दिखा है जबकि जे-20 इस तरह के किसी अभियान में शामिल नहीं है। राफेल में लगने वाली मिटियोर मिसाइल इसे जे-20 और सुखोई-30 से ज्यादा क्षमतावान बना देती है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।