- पांच अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम तय
- तीन अगस्त से पूरी अयोध्या में दीपोत्सव की सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील
- रामलला के लिए रत्न जड़ित पोशाक हो रहा है तैयार
नई दिल्ली। जिस घड़ी का इंतजार देश के लाखों करोड़ों लोगों का था वो धीरे धीरे नजदीक आ रही है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम की नगरी सजने सवरने लगी। हर एक मोड़ पर और हर एक पल को लोग अपने दिलों में कैद कर लेना चाहते हैं। वैसे तो औपचारिक तौर पर राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम पांच अगस्त को संपन्न होगा। लेकिन उस ऐतिहासिक लम्हे की तैयारी में किसी तरह की कमी न रह जाए इसके लिए पूरजोर कोशिश की जा रही है। यूपी के सीएम योगा आदित्यनाथ खुद पूरी तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने हाल ही में अयोध्या का दौरा भी किया था। हम यहां बताएंगे कि किस तरह से दीए बनाने वाला समाज खुश है तो राम लला विराजमान की पोशाक बनाने वाली कारीगर उत्साहित हैं। अयोध्या का कोना कोना रामधुन में गुंजित हो रहा है।
भूमि पूजन से पहले अयोध्या में उत्साह
राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर वैसे तो अयोध्या का हर वर्ग उत्साहित है और सबके उत्साह के पीछे कोई न कोई वजह है। साधु संत समाज को इस बात की खुशी है कि सैकड़ों वर्षों के बाद वो सपना साकार होने जा रहा है जो किसी न किसी वजहों से जमीन पर नहीं उतर सकी। पांच अगस्त को भूमि पूजन के साथ ही औपचारिक तौर पर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
तीन अगस्त से दीपोत्सव का कार्यक्रम
राम मंदिर भूमि पूजन से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का दौरा किया था, और उन्होंने अपील करते हुए कहा कि तीन अगस्त से ही दीपोत्सव का कार्यक्रम होना चाहिए। उनके इस बयान के बाद सबसे ज्यादा खुशी कुम्हार समाज को है। उन्हें ऐसा लगता है कि इस ऐलान से उनके दीए बिक जाएंगे और आर्थिक खुशहाली का रास्ता खुलेगा।
रामलला को रत्नजड़ित पोशाक
यहां पर यह बताना जरूरी है कि रामलला की पोशाक को जो परिवार सिलता था उसे ठाकुर साहब यानि राम लला विराजमा की पोशाक सिलने की जिम्मेदारी दी गई है। इस काम में जुड़े शंकर लाल कहते हैं कि ये तो उनकी पुश्तैनी काम है। यह सौभाग्य की बात है कि वो श्रीराम की सेवा इस तरह से कर रहे हैं। वो बताते हैं कि इस दफा पोशाक में रत्न लगाए जा रहे हैं और ऐसा करने के पीछे वजह भी है पहले तो रामलला एक तरह से टेंट में थे। लेकिन अब उनका स्थाई घर होगा।