- रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत पर पश्चिमी देश लगातार बना रहे हैं दवाब
- 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को चेताया
- आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने चीन-पाक को घेरा
महीनों से पश्चिमी देश भारत पर दवाब बना रहे थे कि वो साफ करे कि यूक्रेन-रूस युद्ध में वो किसके पक्ष में है। पश्चिमी देश चाहते हैं कि भारत रूस के खिलाफ बोले, लेकिन भारत के नपे-तुले बयानों से पश्चिम को हमेशा निराशा हाथ लगी है। हालांकि अब भारत ने साफ कर दिया है कि वो इस जंग में किसके साथ खड़ा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र को संबोधित करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे के साथ-साथ आतंकवाद के मामले पर चीन-पाक को भी घेर लिया।
रूस-यूक्रेन में किसके साथ
महीनों से जारी यूक्रेन संघर्ष के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि वह शांति का पक्षधर है और उस पक्ष में है, जो बातचीत और कूटनीति को एकमात्र रास्ता बताता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनजीए के उच्च स्तरीय सत्र में कहा- "यूक्रेन संघर्ष जारी है, हमसे अक्सर पूछा जाता है कि हम किसके पक्ष में हैं और हर बार हमारा सीधा और ईमानदार जवाब होता है कि इस संघर्ष में भारत शांति के पक्ष में है और मजबूती से रहेगा। हम उस पक्ष में हैं जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर और उसके संस्थापक सिद्धांतों का सम्मान करता है। हम उस पक्ष में हैं जो बातचीत और कूटनीति को एकमात्र रास्ता बताता है।'
चीन-पाक को मुंह तोड़ जवाब
यूएनजीए के इस सत्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मसले पर चीन और पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में घोषित आतंकवादियों का बचाव करने वाले देश न तो अपने हितों और न ही अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के किसी भी कृत्य को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने कहा कि कोई भी टिप्पणी चाहे किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे नहीं ढक सकती। विदेश मंत्री ने कहा- "दशकों से भारत सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगत रहा है। हमारे विचार में आतंकवाद के किसी भी कृत्य को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है। कोई भी टिप्पणी, चाहे वह किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे को ढक नहीं सकती।"
जब किया पीएम मोदी का जिक्र
जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने पुतिन से कहा था कि 'यह युद्ध का युग नहीं हो सकता'। जयशंकर ने कहा- "मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि संघर्ष की स्थितियों में भी, मानवाधिकारों या अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का कोई औचित्य नहीं हो सकता है। जहां कोई भी ऐसा कृत्य होता है, यह जरूरी है कि उनकी जांच एक उद्देश्य और स्वतंत्र तरीके से की जाए।"
ये भी पढ़ें- संयोग या साजिश... एक-एक कर पुतिन के करीबी साथियों की हो रही है मौत, कोई सीढ़ी से गिरा तो किसी ने की आत्महत्या