- दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल की बेटी चर्चा में हैं
- वह ऑफिस से 5 महीने की छुट्टी लेकर पिता के पक्ष में चुनाव-प्रचार कर रही हैं
- उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढाई की है और MNC में काम करती हैं
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ-साथ कांग्रेस और बीजेपी भी चुनावी समर में उतरने के लिए तैयार दिख रही है। इस बीच जिस एक युवा चेहरे की सबसे अधिक चर्चा हो रही है, वह हैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी, जो अपने पिता की एक बार फिर से जीत सुनिश्चित करने के लिए घर-घर, गली-मुहल्ले घूम रही हैं।
कौन हैं केजरीवाल की बेटी?
दिल्ली के सीएम केजरीवाल की बेटी का नाम हर्षिता है, जो एक बहुराष्ट्रीय (multinational) कंपनी में काम करती हैं। अपने पिता की ही तरह उन्होंने भी आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई की है। पढ़ाई में बेहद होशियार हर्षिता ने 12वीं की परीक्षा में भी 96 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली हर्षिता अब गुरुग्राम में ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती हैं।
आईआईटी दिल्ली में दाखिला
हर्षिता का आईआईटी दिल्ली में दाखिला वर्ष 2014 में हुआ था। इंजीनियरिंग की सबसे मुश्किल मानी जाने वाली परीक्षाओं में से एक आईआईटी-जेईई में उन्हें अच्छी रैंक मिली थी। वह 12वीं के बाद से ही इंजीनियरिंग की तैयारी में जुट गई थीं और इसका नतीजा भी सामने आया, जब उन्हें आईआईटी दिल्ली में दाखिला मिल गया। यहां भी हर्षिता का रिजल्ट शानदार रहा।
ऑफिस से ली 5 महीने की छुट्टी
लाइमलाइट से दूर हर्षिता आज अपने पिता के चुनाव प्रचार अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। खुद केजरीवाल ने पिछले दिनों इसका खुलासा किया था कि उनकी बेटी अपनी नौकरी से 5 महीने की छुट्टी लेकर चुनाव प्रचार कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह किसी मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं। आप नेता ने अपनी बेटी का हवाला देते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी कहा कि वे भी छुट्टी लेने के लिए तैयार रहें।
'ये चुनाव नहीं, आजादी की दूसरी लड़ाई'
केजरीवाल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में लोगों से मिल रही हैं और जब कोई उनसे कहता है कि सीएम की बेटी होते हुए आपको इतनी मेहनत करने की जरूरत क्या है तो वह कहती हैं कि 'मैं सीएम के लिए नहीं, बल्कि आजादी की दूसरी लड़ाई में आहूति देने आई हैं।' अपनी बेटी का उदाहरण देते हुए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि वे भी 'आजादी की दूसरी लड़ाई में आहूति' देने के लिए तैयार रहें।