- मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से है ताल्लुक
- लोधी की टिप्पणी गंभीरता से ली है- बीजेपी
- 'सामाजिक समरसता भाजपा के लिए सर्वोपरि'
Pritam Lodhi expelled by BJP: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शिवपुरी जिले से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नेता प्रीतम लोधी पर अपने एक्शन का चाबुक चलाया है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के रिश्तेदार लोधी को कथित तौर पर ‘ब्राह्मण और महिला विरोधी’ बयान देने को लेकर दल से निष्कासित कर दिया है।
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी के बयान के मुताबिक, ‘‘ब्राह्मणों और महिलाओं के खिलाफ लोधी की टिप्पणी को पार्टी ने गंभीरता से लिया है। उनके अपराध को अक्षम्य पाया, इसलिए प्रदेश भाजपा प्रमुख वी. डी. शर्मा ने शुक्रवार (19 अगस्त) को लोधी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने का फैसला किया।’’
FIR भी हुई, माफी मांगी थी मांगी...फिर भी एक्शन
उन्होंने आगे बताया, ‘‘भाजपा के लिए सामाजिक समरसता और महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है।’’ इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि लोधी के खिलाफ शिवपुरी के विभिन्न थानों में भी एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, भाजपा के एक नेता ने कहा कि अपनी टिप्पणी पर विवाद के बाद लोधी ने पार्टी से लिखित में माफी भी मांगी थी। रोचक बात है कि लोधी की ओर से इस हफ्ते की शुरुआत में की गई टिप्पणी पर पार्टी से लिखित माफी मांगने के बावजूद भाजपा ने उनके खिलाफ एक्शन लिया।
क्या था लोधी का पूरा बयान? जानें
दरअसल, शिवपुरी के बदरवास में 17 अगस्त को रानी अवंती बाई लोधी की जयंती पर उन्होंने विवादित बयान दिया था। ब्राह्मणों के बारे उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘‘ब्राह्मण पुजारी लोगों को बेवकूफ बनाते हैं और उनके पैसे तथा अनाज लूटते हैं। उनमें से कुछ महिलाओं को घूरते हैं और प्रवचन के दौरान युवतियों को आगे की पंक्तियों में बैठाते हैं।’’
वीडियो वायरल होने पर चहुंओर घिरे
इस टिप्पणी से जुड़ा वीडियो भी सामने आया था, जिसके बाद लोधी बुरी तरह घिर गए। वायरल क्लिप के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा था तो वहीं ब्राह्मण समुदाय के कई संगठनों ने उन्हें पार्टी से निकालने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया।
दो बार लड़े, पर न हासिल कर पाए जीत
लोधी दो बार शिवपुरी की पिछोर विस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, वह चुनाव नहीं जीत पाए थे। लोधी, समुदाय म.प्र. के सबसे शक्तिशाली ओबीसी समूह में से है। सूबे के ग्रामीण इलाकों में इसका खासा दबदबा है। प्रदेश में लगभग 48% मतदाता ओबीसी समुदाय के हैं।