- कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर WHO ने भारत के कदमों को सराहा है
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि भारत टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने में सफल रहा
- आबादी और भौगोलिक विविधता के लिहाज से डब्ल्यूएचओ ने भारत को डेटा मैनेजमेंट की सलाह भी दी
नई दिल्ली : दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस घातक बीमारी से जंग को लेकर उठाए गए कदमों को लेकर भारत की प्रशंसा की है। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने भारत को कोविड-19 से जुड़े डेटा मैनेजमेंट पर भी फोकस करने की सलाह भी दी। भारत की विशाल आबादी और भौगोलिक विविधता को देखते हुए इसे जरूरी बताया गया है।
भारत टेस्टिंग के मामले में आत्मनिर्भर
कोरोना से जंग को लेकर भारत सरकार के मजबूत राजनीतिक नेतृत्व की तारीफ करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यहां संक्रमण की जांच से लेकर इसकी रोकथाम को लेकर कई कदम उठाए गए। लॉकडाउन और फिर अनलॉक की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की गई। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण अब पूरी दुनिया में एक नए चरण में पहुंच गया है, जिसे देखते हुए भारत सहित अन्य देशों को इस संबंध में दीर्घकालिक रणनीति बनाने की जरूरत है।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में अब रोजाना तकरीबन 2 लाख से कोरोनो टेस्ट किए जा रहे हैं। भारत टेस्टिंग किट भी विकसित कर रहा है। यह पिछले कुछ महीनों में भारत की बड़ी उपलब्धि है। भारत टेस्टिंग के मामले में आत्मनिर्भर हुआ है और इसकी क्षमता बढ़ाने में सफल रहा है।
आबादी, भौगोलिक विविधता बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी आबादी और भौगोलिक विविधता एक बड़ी चुनौती है, जिसे देखते हुए भारत को अब कोरोना संक्रमण से जुड़े डेटा पर फोकस करने की जरूरत है। उन्होंने इस संबंध में गाइलाइंस तय करने की जरूरत बताई कि आखिर डेटा संग्रह किस तरह किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो डेटा का तुलनात्मक अध्ययन नहीं हो पाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर अब 6 लाख 48 हजार से ज्यादा हो गए हैं, जबकि इस घातक संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 18,655 हो गई है। बीते 24 घंटों में यहां कोरोना वायरस संक्रमण के 22,771 नए मामले सामने आए हैं, जो एक दिन में संक्रमण का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।