- आरटीआई में पीएमओ से पूछा गया था कि पीएम का स्पीच कौन तैयार करता है
- इसके अलावा पीएम का भाषण तैयार करने के बारे में अन्य जानकारियां मिलीं
- पीएमओ का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद अपने भाषणों को देते हैं अंतिम रूप
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक विशेषता उनकी भाषण कला भी है। वह इन दिनों हर रोज वर्चुअल तरीके से कहीं न कहीं किसी कार्यक्रम और बैठक को संबोधित करते हैं। कभी-कभी वह एक दिन में अलग-अलग विषयों पर तीन-तीन कार्यक्रम संबोधित करते हैं। ऐसे में कई बार लोगों के मन में सवाल उठता आया है कि आखिरकार अलग-अलग विषयों पर उनके भाषणों को लिखता और तैयार कौन करता है, अब इसका जवाब मिल गया है। एक आरटीआई में इस सवाल का जवाब मिला है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने पीएम के भाषण को कैसे तैयार किया जाता है, इसकी जानकारी दी है।
आरटीआई में जानकारी सामने आई
'इंडिया टुडे टीवी' ने अपनी आरटीआई में पीएमओ से पूछा था कि अलग-अलग मौकों के लिए प्रधानमंत्री का भाषण कौन तैयार करता है और इसमें कितने लोग शामिल होते हैं। यही नहीं पीएमओ से इन भाषणों को तैयार करने में होने वाले खर्च के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी। अब पीएमओ ने इन सवालों के जवाब दिए हैं। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी का भाषण तैयार करने में होने वाले खर्च के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। आरटीआई का जवाब देते हुए पीएमओ की तरफ से कहा गया है कि विषयों पर अलग-अलग स्रोतों से इनपुट्स इकट्ठे किए जाते हैं लेकिन अपने भाषणों को अंतिम रूप पीएम मोदी खुद देते हैं।
पीएम ही देते हैं अपने भाषणों को अंतिम रूप
पीएमओ का कहना है, 'कार्यक्रमों के स्वरूप एवं प्रकृति को देखते हुए अलग-अलग व्यक्ति, अधिकारी, विभाग, प्रतिष्ठान, संगठन पीएम की स्पीच के लिए इनपुट्स देते हैं और अपने इन भाषणों को प्रधानमंत्री खुद अंतिम रूप देते हैं।' बताया गया है कि जवाहरलाल नेहरू के समय से लेकर नरेंद्र मोदी तक प्रत्येक पीएम के भाषण को तैयार करने में पार्टी ईकाइयों, मंत्रालयों, विषय के जानकारों, पीएम की निजी टीम जैसे विभिन्न स्रोतों का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
एक कुशल वक्ता के रूप में है पीएम मोदी की पहचान
प्रधानमंत्री मोदी को एक कुशल वक्ता माना जाता है। भाषण कला की जब बात होती है तो उन्हें पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ खड़ा किया जाता है। कहा जाता है कि नेहरू अपना भाषण लिखने में कई घंटे लगाते थे लेकिन पीएम मोदी अपने भाषण को अंतिम रूप देने में कितना समय लगाते हैं, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।