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Kailash Range: आखिर क्यों चर्चा में है कैलाश रेंज, फिंगर एरिया में पीछे हट रही हैं भारत-चीन की सेना

Updated Feb 12, 2021 | 20:20 IST

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का आरोप है कि चीन की दबाव में नरेंद्र मोदी सरकार कैलाश रेंज से भारतीय फौज को हटा रही है। ऐसे में आखिर कैलाश रेंज कहां है इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।

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राहुल गांधी ने कैलाश रेंज के जरिए केंद्र सरकार पर साधा है निशाना
मुख्य बातें
  • फिंगर एरिया में अपने पूर्व के पोजिशन पर भारत और चीन की सेना लौट रही हैं
  • राहुल गांधी ने कैलाश रेंज से सेना को पीछे हटाने का मुद्दा उठाया
  • सरकार का पक्ष फिंगर 8 ही एलएसी है अभी दोनों देश की सेनाएं बेस कैंप पर जा रही हैं।

नई दिल्ली। करीब 9 महीने के विवाद के बीच चीन की सेना अब फिंगर एरिया से पीछे हट रही है। चीनी सेना अब फिंगर एरिया 8 से और पूरब चली जाएगी। चीनी सेना अतिक्रमण करते हुए फिंगर 4 तक आ गई थी। लेकिन जब भारतीय फौज फिंगर तीन की ऊंचाइयों पर काबिज हो गई तो चीन के लिए मुश्किलें बढ़ गईं। करीब 9 दौर की वार्ता के बाद दोनों पक्ष यथास्थिति में पहुंच जाएंगे। लेकिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जमीन चीन के हवाले कर दी गई है। इन सबके बीच इस समय कैलाश रेंज चर्चा में है

क्या है कैलाश रेंज
कैलाश रेंज, चीनी में पिनयिन, गंगदिसी शान या वेड-गाइल्स रोमनाइजेशन कांग-ती-सू शान, तिब्बती गैंग टीज़, जिसे गंगादिस रेंज भी कहा जाता है। यह हिमालय के सबसे ऊंचे और सबसे ऊबड़-खाबड़ हिस्सों में से एक तिब्बत के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित है। कैलाश रेंज, उत्तर पश्चिम से लेकर दक्षिण पूर्व तक विस्तार है और यह लैंगक्वेन नदी या सतलज नदी के उत्तर में है। इसकी पूर्वी सीमा डैमकोग नदी है जो भारत में ब्रह्मपुत्र नदी या चीन में यारलुंग का स्रोत है।  इन दोनों के मध्य मापम नाम की झील है, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से करीब 4,557 मीटर है। इस ढील के उत्तर में माउंट कैलाश है जिसकी ऊंचाई करीब 6.714 मीटर है, तिब्बत में इसे गंग तिसे कहा जाता है जो कैलाश रेंज की सबसे ऊंची चोटी है।


माउंट कैलाश की खास जगह

माउंट कैलाश एक महत्वपूर्ण पवित्र स्थल है जिसे हिंदू और बौद्ध समाज से जुड़े लोग पवित्र मानते हैं। तिब्बती बौद्धों के लिए, जो इसे पर्वत के सुमेरु पर्वत के रूप में पहचानते हैं।1951 में तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद माउंट कैलास और लेक मैपम दोनों को धार्मिक यात्रा की अनुमति दी गई थी और 1954 की चीन-भारतीय संधि में इसकी गारंटी दी गई थी, बाद में तिब्बत के अस्तित्व के आने के बाद इस सुविधा को खत्म कर दिया गया। 1962 में सीमा बंद कर दी गई थी। दक्षिण से क्षेत्र तक पहुंच उच्च लिपुलेक (लिपु लेख) दर्रे के माध्यम से है। सिंधु नदी कैलास रेंज के उत्तरी तट पर निकलती है।

राहुल गांधी ने उठाए थे सवाल
राहुल गांधी के इस आरोप पर बीजेपी की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस अब नया सर्कस कर रही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जमीन का सौदा कर दिया उनसे आप इस तरह के बयान की ही अपेक्षा कर सकते हैं। लेकिन इन सबके बीच राहुल गांधी ने जिस कैलाश रेंज से सेना को पीछे हटाने की बात कही है उसके बारे में यहां पूरी जानकारी है। 

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