- याचिका में मुस्लिम पुरुषों को दूसरी शादी करने से पहले अपनी मौजूदा पत्नी से अनुमति लेने की मांग गई है।
- शरिया कानून में अपनी सभी पत्नियों को समान अधिकार देने के लिए कहा गया है।
- दूसरी शादी की अनुमति केवल विशेष परिस्थितियों में दी जा सकती है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जिस याचिका में केंद्र को द्विविवाह या बहुविवाह को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में मुस्लिम पुरुषों को दूसरी शादी करने से पहले अपनी मौजूदा पत्नी से अनुमति लेने की मांग की गई है। केंद्र को जवाब 6 हफ्ते में दाखिल करना है। महिला ने 23 अगस्त को अर्जी डाली थी।
याचिका में कहा गया है कि शरिया कानून के तहत एक मुस्लिम व्यक्ति को यह घोषित करना चाहिए कि वह अपनी सभी पत्नियों को समान रूप से बनाए रखने के लिए बाध्य है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस कानून द्वारा शासित देशों में भी, दूसरी शादी की अनुमति केवल विशेष परिस्थितियों में दी जाती है, जैसे कि पहली पत्नी की बीमारी है या बच्चे पैदा करने में असमर्थ है।
याचिकाकर्ता रेशमा नाम की एक महिला है जिसने दावा किया है कि उसने 2019 में मोहम्मद शोएब खान से शादी की। उसका एक 11 महीने का बच्चा है। कथित तौर पर उसके पति ने तीन तालक बोलकर उसे छोड़ दिया था, और अब उसे डर है कि वह दूसरी महिला से शादी करने की योजना बना रहा है।