प्रशांत किशोर अब पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट की बजाए जल्द एक नेता के रूप में नजर आएंगे। सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर अपना एक अलग राजनीतिक दल बनाकर राजनीति में कदम रखेंगे। इस बड़ी घोषणा का ऐलान प्रशांत किशोर 5 मई को पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर करेंगे। कांग्रेस से बात टूटने के बाद से ही ये अटकलें लगाई जा रही थी की प्रशांत किशोर का अगला कदम क्या होगा? पीके ने तमाम अटकलों पर पूर्णविराम लगाते हुए आज खुद ऐलान कर दिया की अब वो सीधे जनता के बीच जनता से जुड़ेंगे। प्रशांत ने ट्वीट कर जानकारी दी है की वो अपने जन्मस्थान बिहार से जन सुराज अभियान की शुरुआत करेंगे। जिसमें सबसे पहले वो बिहार के दो बड़े रीजन को चुन रहे हैं। प्रशांत के करीबी सूत्र का कहना है कि PK तिरहुत और सारण रीजन से अपनी यात्रा को शुरू करेंगे, जिसमें वो जनता के साथ-साथ राजनीतिक बड़े चेहरों से भी राबता करेंगे।
प्रशांत किशोर अभी तक कई राजनीतिक दलों के लिए पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट का काम कर चुके हैं। 2014 में नरेंद्र मोदी के विजय रथ के पीछे पीके की रणनीति का बड़ा हाथ बताया जाता है। जिसके बाद उन्होंने बिहार में नितीश कुमार की भी ब्रांडिंग की जब नीतीश, लालू और कांग्रेस 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी थी, उसके बाद पीके ने कभी ममता बनर्जी तो जगन मोहन रेड्डी के जीत की पटकथा लिखी। लेकिन कांग्रेस के साथ प्रशांत किशोर की बात कभी नहीं बन पाई। हालांकि कुछ विधानसभा चुनाव में पीके ने कांग्रेस के लिए काम किया।
हाल में प्रशांत किशोर एक बड़े मास्टरप्लान के साथ कांग्रेस नेतृत्व के साथ करीब एक हफ्ते तक संवाद किया। जिस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत की रणनीति पर प्रेजेंटेशन दिया। लेकिन बात फिर टूट गई और पीके ने कांग्रेस में शामिल होने से मना कर दिया।
अब जब आज प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। तो कांग्रेस खेमे में खलबली मच गई है। पार्टी के महासचिव और बिहार से पूर्व सांसद तारिक अनवर ने कहा की प्रशांत किशोर एक अच्छे रणनीतिकार है लेकिन एक रणनीतिकार होना और एक सफल राजनेता होना दोनों अलग-अलग बात है। तारिक अनवर ने ये भी कहा की बिहार राजनीतिक तौर पर एक सजग राज्य है और उसमे प्रशांत किशोर का प्रयोग सफल होगा या नहीं अभी नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा ये भी देखना होगा की बिहार में पीके एनडीए या विपक्ष किसको नुकसान पहुंचाता है। वही कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट ने पीके के राजनीति में आने के ऐलान को ज्यादा तवज्जो नहीं दिया। उन्होंने कहा की देश का संविधान सबको अपनी मर्जी से जीने का हक देता है।
बहरहाल प्रशांत किशोर के ऐलान ने सभी राजनीतिक दलों को सरप्राईज कर दिया है। लेकिन पीके की राह आसान नहीं है। पॉलीटिकल स्ट्रेटजिस्ट के रोल से सीधे राजनीति में कदम रखना और वो भी अपनी पार्टी बनाकर।
कौन हैं प्रशांत किशोर? जानिए भारतीय राजनीति के 'चाणक्य' के जीवन के बारे में