नई दिल्ली : राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और नवल अकादमी (Naval Academy) में अब महिला कैडेट्स भी दाखिला ले सकेंगी। यहां प्रशिक्षण के बाद उन्हें स्थाई कमीशन अधिकारियों के तौर पर नियुक्त किया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि एनडीए में महिलाओं को भी अपनी उम्मीदवारी पेश करने की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में प्रक्रिया को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एनडीए और नवल अकादमी के जरिये सशस्त्र बलों में महिलाओं को स्थाई कमीशन के जरिये शामिल किए जाने का फैसला मंगलवार को लिया गया। केंद्र सरकार ने इस फैसले को मील का पत्थर बताया, जिसके बाद सुप्री कोर्ट की ओर से केंद्र को इसे रिकॉर्ड में लाने के लिए कहा गया। केंद्र की ओर से यह बताए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी।
केंद्र ने अदालत को दी जानकारी
अदालत में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि सशस्त्र बलों के प्रमुखों और सरकार की बैठक में निर्णय लिया गया कि महिलाओं को एनडीए और नवल अकादमी में प्रशिक्षण के बाद स्थाई कमीशन अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाएगा। जल्द ही इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदेश की पीठ ने कहा कि यह अच्छा है कि सरकार ने रक्षा प्रमुखों के साथ बैठक में यह फैसला लिया है, लेकिन लैंगिक समानता पर बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। कोर्ट ने दाखिले की प्रक्रिया को लेकर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को दो सप्ताह का वक्त दिया।
यहां उल्लेखनीय है कि सेना में स्थाई कमीशन मिलने में देरी को लेकर महिला अधिकारियों ने सरकार को कानूनी नोटिस भेजा था। 72 महिला अधिकारियों ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने की बात हो चुकी है, पर इसमें देरी हो रही है।