- कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के बीच केंद्र सरकार ने चेताया है
- केंद्र ने कहा कि WHO की चेतावनी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
- कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए सभी से एकजुट प्रयास की अपील की गई है
नई दिल्ली : कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक बार फिर चेताया कि इसे लेकर किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। केंद्र ने यह भी कहा कि दुनिया के कई देशों में कोविड-19 की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है और इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी हल्के में नहीं ली जा सकती। केंद्र ने यह भी कहा कि अगले 100 दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा कि अधिकांश क्षेत्रों में हालात बिगड़ रहे हैं। दुनिया तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है और इस पर डब्ल्यूएचओ की चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। यह 'रेड सिग्नल' है और इसलिए भारत में भी लोगों को जिम्मेदार होने तथा इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। किसी तरह की लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।
लोगों को बनना होगा जिम्मेदार : केंद्र
भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर को आने से रोका जा सके, इसके लिए लोगों से एकजुट प्रयास की अपील करते हुए डॉ पॉल ने देश में कई स्थानों, खास तौर से हिल स्टेशंस पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुपालन नहीं किए जाने पर भी चिंता जताई और कहा कि इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ा सकता है।
केंद्र सरकार की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है, जबकि देश के कई जिलों में बीते करीब एक पखवाड़े में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस महीने 14 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में सिर्फ 73 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रतिदिन 100 से अधिक मामले सामने आए, जबकि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 जिलों में 15 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में कोरोना वायरस संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई।