- हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाता है विश्व शाकाहारी दिवस
- लोगों को शाकाहार के प्रति जागरूक करने के लिए किया जाता है प्रोत्साहित
- 1977 में नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसाइटी द्वारा की गई थी इसकी शुरूआत
World Vegetarian Day 2021: जब से कोविड -19 महामारी शुरू हुई है, उसके बाद कई अध्ययनों और शोधों ने सुझाव दिया कि कुछ खाद्य पदार्थ या आहार कोरोनवायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं इसमें शाकाहारी भोजन सबसे ऊपर है। बीएमजे न्यूट्रिशन, प्रिवेंशन एंड हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन स्वास्थ्य पेशेवरों ने शाकाहारी, वेगन या पेसटेरियन (मांस को छोड़कर मछली शामिल) का सेवन किया उनमें मध्यम से गंभीर कोविड -19 विकसित होने का जोखिम कम था।
इतिहास
अक्टूबर महीना शाकाहारी के महीने के रूप में भी जाना जाता है। हर साल एक अक्टूबर को दुनियाभर में विश्व शाकाहारी दिवस मनाया जाता है। इस खास दिन का मकसद लोगों को एक शाकाहारी जीवन शैली का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। 1977 में नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसाइटी द्वारा इसकी शुरूआत की गई है और 1978 में इंटरनेशनल वेजिटेरियन यूनियन द्वारा इसका समर्थन किया गया तब से प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहारी दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है।
वेगन और वेजिटेरियन में अंतर (Vegan and Vegetarian)
वेगन और वेजिटेरियन दोनों भले ही डाइट प्लांट बेस्ड फूड्स खाने पर आधारित हैं लेकिन दोनों में कुछ अंतर भी हैं। वेजिटेरियन में आप अपनी डाइट में अंडे, शहद और डेयरी उत्पादों को शामिल कर सकते हैं वहीं वेगन में वो खाद्य पदार्थ शामिल हैं जो जानवरों से प्राप्त नहीं होता है, यहां तक की दूध भी नहीं। वेगन डाइट में केवल प्लांट बेस्ड फूड्स होते हैं।
महत्व
एक शाकाहारी आहार सब्जियों, बीज, फलियां, फल, नट और अनाज पर केंद्रित होता है और इसमें अंडे, डेयरी और शहद जैसे पशु उत्पाद भी शामिल होते हैं, जो किसी जानवर की मृत्यु या उसके मांस की खपत के बिना प्राप्त किए जाते हैं। विश्व शाकाहारी दिवस लोगों को पशु उत्पादों को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और इस दिन पर्यावरण संबंधी विचारों, पशु कल्याण और अधिकारों के मुद्दों और व्यक्तिगत स्वास्थ्य लाभों पर जोर दिया जाता है। यह प्रमाणिक है कि शाकाहारी भोजन ने स्वास्थ्य लाभ सिद्ध किया है। यह दिन जानवरों के जीवन को बचाने और पृथ्वी को संरक्षित करने में मदद करने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है।