- 2 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में किसानों पर चढ़ाई गई थी गाड़ी
- गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे का नाम आया था सामने, बेटा आशीष मिश्रा इस समय जेल में
- एसआईटी रिपोर्ट में हिंसा को सुनियोजित बताया गया
2 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में हिंसा होती है,उसका वीडियो वायरल होता है और जो तस्वीर उभरती है उसमें गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम आता है। मामला किसान आंदोलन से जुड़ा है। आरोपी आशीष मिश्रा ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों पर फिल्मी अंदाज में गाड़ी चढ़ा दी जिसमें कुछ किसानों की मौत हो गई और बदले में भड़की हिंसा में कुछ और लोग मारे गए। घटना वाली रात कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मौके पर पहुंचने की कोशिश की लेकिन उन्हें सीतापुर में रोक दिया गया था। करीब दो दिन के बाद उन्हें घटना स्थल पर जाने की इजाजत दी गई। विपक्षी दलों के साथ साथ किसान संगठनों से सरकार पर दबाव बनाया और समझौता हुआ। समझौते के तहत पीड़ित किसान परिवारों को मुआवजा देने के अलावा एफआईआर के साथ साथ उच्च स्तरीय जांच कराने आश्वासन दिया गया। लेकिन उस बीच कुछ संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और आरोपी की गिरफ्तारी ना होने का मुद्दा उठाया।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी दखल
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई में यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि आप इस गंभीर मामले में ढिलाई क्यों कर रहे हैं। क्या कोई हत्या का आरोपी कहता है कि उसने हत्या नहीं की है। क्या आप सामान्य मामले में भी इस तरह से पूछताछ करते हैं। अदालत ने आरोपी की गिरफ्तारी को सुनिश्चित करने के साथ साथ गिरफ्तारी के आदेश दिये। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा से पूछताछ शुरू हुई और बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया। उन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच भी शुरू हुई।
बदतमीजी पर उतर आए गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लखीमपुर खीरी हिंसा गैर इरादतन नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी। रिपोर्ट में यहभी बताया गया कि इस केस में धाराओं को बढ़ाने की जरूरत है जिसे सीजेएम कोर्ट ने मंजूरी दे दी। इन सबके बीच विपक्षी दलों का कहना है कि जब यह साजिश है तो अजय मिश्रा टेनी को कैसे क्लीन चिट दिया जा सकता है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने साफ साफ कहा कि मंत्री के इस्तीफे से कम कुछ मंजूर नहीं। उधर लखीमपुर खीरी में एक कार्यक्रम के दौरान जब कुछ पत्रकारों ने गृहराज्यंमंत्री से सवाल किया तो वो भड़क गए और बदसलूकी, बदजुबानी की।