उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों का विशेष ध्यान रख रहे हैं। हाल ही में उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसी के पास राशन कार्ड हो या ना हो, आधार कार्ड हो या ना हो, उसे खाद्यान्न और भोजन जरूर मिले। शुक्रवार को लखनऊ में टीम-11 की बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश कि लॉकडाउन 2.0 में भी पहले की तरह कम्यूनिटी किचेन से जरूरतमंदों में और शेल्टर होम्स के निराश्रितों में बेहतर ढंग से सबको भोजन की व्यवस्था सुचारू रखनी है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार हर जरूरतमंद का पेट भरने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफ कहा कि यह सुनिश्चित होता रहे कि प्रदेश में न तो कोई भूखा रहे न भूखा सोए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि किसी के पास राशन कार्ड हो या ना हो, आधार कार्ड हो या ना हो, वह शहर का नागरिक हो अथवा गांव का, अगर वह ज़रूरतमंद है तो उसे खाधान्न अवश्य मिले। इसके साथ ही घुमंतू लोगों तक भी भोजन और राशन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
योगी आदित्यनाथ ने जानकारी दी कि हॉटस्पॉट बस्तियों के सापेक्ष 1648 डोर-स्टेप डिलीवरी मिल्क बूथ/मैन द्वारा दूध वितरित किया गया। इन बस्तियों में 3,17,276 राशन कार्डों पर खाद्यान्न वितरण हुआ है। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में 2.29 लाख फूड पैकेट की डिलीवरी की गई है। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी किचन की व्यवस्था अच्छी है, इसे आगे बढ़ाना होगा। कम्युनिटी किचन हेतु मोहल्ले वार सर्वे तथा समीक्षा किया जाना भी आवश्यक है।
हर मोर्चे पर मुस्तैद योगी
चाहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में तत्परता हो या इस महामारी की वजह से प्रभावित गरीबों की मदद करना हो, योगी आदित्यनाथ हर कामकाज पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। 02 करोड़ 18 लाख जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराना, 35 लाख दिहाड़ी मजदूरों तथा खोमचे वालों को प्रति महीने 1000 रुपये आर्थिक सहायता देना, मनरेगा मजदूरों के खाते में ₹611 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित करना, राज्य के 11 लाख से ज्यादा निर्माण श्रमिकों के खाते में 1,000 रुपये भेजना, 87 लाख लाभार्थियों को दी 871 करोड़ रुपए पेंशन भेजना, यह बताता है कि योगी गरीबों-निराश्रितों के लिए चिंतित हैं।
ये है सीएम यूपी की सोच
उत्तर प्रदेश का जनसंख्या घनत्व अधिक है और यही वजह है कि इस राज्य की चुनौतियां काफी अधिक हैं। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान योगी आदित्यनाथ कि सोच है कि अगर उद्योग धंधे बंद होंगे और दैनिक मजदूर घरों से नहीं निकलेंगे तो खाएंगे क्या? योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही इस बात को समझ लिया और गरीबों के लिए राहत पैकेज का ऐलान कर दिया था।