आगरा : कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उत्तर प्रदेश के करीब 7500 छात्रों को वहां से निकालने की तैयारी योगी सरकार ने कर ली है। इन छात्रों को कोटा से निकालने के लिए आगरा से रोडवेज की 150 बसें रवाना कर दी गई हैं। ये बसें छात्रों को लेकर जल्द यूपी पहुंच जाएंगी। बता दें कि छात्रों को अभिभावकों ने अपने बच्चों को कोटा से निकालने की अपील योगी सरकार से की है। अभिभावकों की अपील को देखते हुए योगी सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए परिवहन विभाग को वहां से छात्रों को निकालने का निर्देश दिया है।
कोटा के लिए रवाना होने वाली इन बसों में इटावा, झांसी सहित आगरा परिवहन की बसें शामिल हैं। आगरा क्षेत्र के आरएम मनोज त्रिवेदी ने टाइम्स नाउ हिंदी को बताया कि छात्रों को निकालने के लिए यहां से 150 बसें कोटा के लिए रवाना कर दी गई हैं। वहीं, इटावा के आरएम एके झा ने बताया कि लोगों और छात्रों को कोटा से निकालने के लिए उनके यहां से 75 बसें निकली हैं। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र की सारीं बसें आगरा से कोटा के लिए रवाना हुई हैं। झा ने उम्मीद जताई कि छात्र जल्द ही अपने प्रदेश में होंगे।
कोटा से छात्रों को वापस लाने के लिए इस्तेमाल होने वाली बसों को सेनिटाइज किया गया है और इस पूरे अभियान की निगरानी आगरा के आरएम त्रिवेदी कर रहे हैं। इन सभी बस के चालकों को मास्क व सैनिटाइजर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही छात्रों को बसों में बैठने की इजाजत दी जाएगी। एक बस में करीब 35 छात्रों को बैठकने की अनुमति होगी।
बता दें कि कोविड-19 के खतरे एवं चुनौती से निपटने के लिए योगी सरकार की पूरी मशीनरी सक्रिय है। इस महामारी से निपटने के लिए सरकार की सभी तैयारियों का जायजा एवं निगरानी खुद मुख्यमंत्री कर रहे हैं। सेवाओं एवं तैयारियों में किसी तरह की कोई कमी न हो इसके अलावा मुख्यमंत्री ने एक टीम-11 बनाई है जो कोविड-19 से लड़ने की सभी तैयारियों की समीक्षा करने के साथ उन पर नजर रख रही है।
कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते दूसरे राज्यों में फंसे नागरिकों को असुविधा एवं परेशानी से बचाने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कुछ दिनों पहले दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे यूपी के नागरिकों पर आने वाले खर्च का वहन उनकी सरकार करेगी। इसके अलावा लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद पैदल ही अपने घरों के लिए निकले प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जिले तक पहुंचाने के लिए योगी आदित्यनाथ ने एक रात में 1000 बसों की व्यवस्था की।