इस वक्त योगी सरकार में काफी खलबली मची हुई है। कहा जा रहा है कि योगी का बुलडोजर इस बार भ्रष्टाचार पर चला है लेकिन जद में जो लोग आएं हैं उसका दर्द सरकार के अंदर के लोगों को भी महसूस हो रहा है इतना महसूस हो रहा है कि कराह को दिल्ली तक सुना जा सकता है दरअसल, दो मंत्रियों की वजह से योगी आदित्यनाथ की सरकार सुर्खियों में है। एक जितिन प्रसाद हैं जो लोक निर्माण विभाग (PWD) के मंत्री हैं दूसरा दिनेश खटीक है जो जलशक्ति राज्यमंत्री हैं। इन दोनों मंत्रियों को लेकर ये अटकले तेज हैं कि दोनों नाराज हैं।
इन मंत्रियों की नाराजगी के पीछे दो वजह बताई जा रही हैं-
- जलशक्ति राज्यमंत्री का आरोप है कि दलित होने की वजह से उनके विभाग में कोई उनकी नहीं सुनता उन्हें सरकारी कार तो मिली है अधिकार नहीं
- जितिन प्रसाद की नाराजगी के पीछे वजह उनके OSD को हटाना है
यूपी के मंत्री दिनेश खटीक का एक लेटर चर्चा में है। जो उन्होंने अमित शाह को लिखा है। लेटर में दिनेश खटीक ने मंत्री पद छोड़ने की बात कही है।
''जल शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने की वजह से मेरे किसी भी आदेश पर कार्यवाही नहीं होती, ना ही मुझे बैठक की सूचनाएं दी जाती है, विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं उस पर कोई अधिकारी जानकारी नहीं देता। इस विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। प्रमुख सचिव अनिल गर्ग ने भी मेरी बात नहीं सुनी। मैं दलित जाति का मंत्री हूं इसलिए इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है। इस विभाग में नामामि गंगे योजना के अंदर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है जब मैं कोई शिकायत किसी भी अधिकारी के विरुद्ध करता हूं तो उस पर कार्रवाई नहीं की जाती है। मेरे विभाग में ट्रांसफर के नाम पर गलत तरीके से वसूली की गई । दलित समाज के राज्य मंत्री का कोई अस्तित्व नहीं है इन्हीं सब बातों से आहत होकर पद से त्यागपत्र दे रहा हूं।''
इस बड़ी पॉलिटिकल स्टोरी के दूसरे किरदार जो चर्चा में हैं वो हैं जितिन प्रसाद । जितिन प्रसाद जो मंत्रालय संभाल रहे हैं। कहा जा रहा है कि उसमें तबादलों में गड़बड़ी की शिकायत के बाद योगी आदित्यनाथ ने सख्त एक्शन लिया है
लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडे को हटा दिया गया। उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया गया । अनिल कुमार के खिलाफ सतर्कता जांच और अनुशासनिक कार्रवाई की भी सिफारिश की है । इसके अलावा लोक निर्माण विभाग के Engineer-in-chief मनोज कुमार गुप्ता समेत 5 अधिकारियों को भी सस्पेंड कर दिया गया ।
अनिल कुमार पांडे ही मंत्री जितिन प्रसाद का सारा काम संभालते थे। हमारे सोर्सेज़ के मुताबिक विभाग की फाइलें ओएसडी के जरिये ही मंत्री के पास जाती थीं। दिल्ली में अवर सचिव रहे अनिल कुमार पांडे को जितिन प्रसाद की सिफारिश पर ही उत्तर प्रदेश में तैनाती मिली थी। इसलिए ये अटकलें तेज हो गई कि जितिन प्रसाद योगी सरकार से नाराज हैं।
आरोप है कि OSD अनिल कुमार और बाकी अधिकारियों ने ट्रांसफर पॉलिसी का उल्लंघन किया। योगी आदित्यनाथ ने ट्रांसफर में हो रही गड़बड़ियों के लिए एक हाई लेवल कमेटी भी बनाई थी। 16 जुलाई को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी। जिसके आधार पर योगी आदित्यनाथ ने एक्शन लिया । आरोप है कि PWD में 150 से ज्यादा ट्रांसफर गलती तरीके से किए गए । कुछ इंजीनियरों को दो जगह पोस्टिंग दे दी गई। कुछ जगह एक ही पोस्ट के लिए एक से ज्यादा अधिकारियों की तैनाती कर दी गई
मंत्रियों की नाराजगी की खबरों के बीच योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों को नई हिदायत दी है -
- भ्रष्टाचार, अनियमितता की एक भी घटना बर्दाश्त नहीं है
- मंत्री अपने स्टाफ पर आंख मूंद कर भरोसा ना करें
- मंत्री अपने राज्यमंत्रियों से साथ तालमेल रखें
- सरकारी बैठकों में राज्यमंत्रियों को भी शामिल करें
- मेरिट के आधार पर फैसला लें जल्दबाजी में नहीं