- उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में राज्य में टूरिज्म के क्षेत्र में खास कार्य हो रहे हैं
- ये काम यूपी टूरिज्म की टैग लाइन 'यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा' को बखूबी सार्थक सिद्ध कर रहे हैं
- अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन हो या बरसाना में रंगोत्सव ये सब खास काम ही हैं
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Adityanath Government) के कुशल नेतृत्व में राज्य में टूरिज्म (Tourism) के क्षेत्र में वो कार्य हो रहे हैं जो पहले कभी देखने में नहीं आए। अयोध्या में सरयू जी के तट पर दीपोत्सव का भव्य (Deepotsav in Ayodhya) आयोजन हो या बरसाना में रंगोत्सव (Rangotsav at Barsana) या फिर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव (Shri Krishna Janmotsav) के भव्य कार्यक्रम की शुरुआत, ये वो कार्यक्रम हैं जो यूपी टूरिज्म की टैग लाइन 'यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा' को बखूबी सार्थक सिद्ध करते हैं।
उत्तर प्रदेश संस्कृति को अपने में समेटे हुए टूरिज्म का बड़ा केंद्र है जहां परंपरा से लेकर पौराणिकता की झलक दिखती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले तीन सालों में पर्यटन के लिए अभूतपूर्व कार्य किए हैं। चाहे वो ईको टूरिज्म को बढ़ावा देवा हो या हरेक जनपद में से एक-एक पर्यटन स्थलों को चिह्वित कर पर्यटक विकास की योजना तैयार करने का हो।
योगी सरकार ने पर्यटन विकास के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद, मथुरा की तर्ज पर संपूर्ण क्षेत्र के समेकित पर्यटन विकास के लिए शुक्रतीर्थ (मुजफ्फरनगर), अयोध्या,चित्रकूट,नैमिषारण्य और विंध्याचल क्षेत्र के विकास परिषदों का गठन प्रस्तावित किया है।
सरकार ने दिया ईको टूरिज्म को बढ़ावा
ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार ने (दुधवा टाइगर रिजर्व, कतरनिया घाट, वन्य जीव बिहार और किशनपुर वन्य जीव बिहार), पीलीभीत टाइगर रिजर्व, चंदौली नें राजदरी और देवदरी वॉर फॉल आदि स्थानों को ईको टूरिज्म के अंतर्गत पर्यटन विकास का काम शुरु कर दिया है।
यही नहीं मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयाग, विंध्याचल,नैमिषारण्य,चित्रकूट,कुशीनगर,गोरखपुर और वाराणसी आदि नगरों में सांस्कृतिक पयर्टन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
दीपोत्सव में पांच देशों की रामलीलाओं के साथ तीन दिन तक अयोध्या, चित्रकूट और लखनऊ में रालीलाओं का मंचन किया गया। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास के लिए भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।
स्वदेश दर्शन योजना ने बदली तस्वीर
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, हेरिटेज सर्किट एंव स्प्रिचुएल सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, महाभारत सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट,सूफी सर्किट,जैन सर्किट का चिहनांकन कर समेकित पर्यटन विकास कार्य किया जा रहा है।
वाराणसी में गंगा नदी में अस्सी घाट से राजघाट के मध्य रिवर क्रूज संचालित किया गया। सरकार गोरखपुर-देवीपाटन-जेवर-खुर्जा का स्प्रियुचल सर्किट के अंतर्गत पर्यटन विकास कर रही है।
चित्रकूट में कामदगिरि पर्वत पर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए रोप-वे परियोजना को पूरा करके हाल ही में संचालन शुरु किया गया है। राम की सांस्कृतिक विश्व यात्रा और रामलीला अकादमी की स्थापना की कार्रवाही की जा रही है। गोरखपुर में 5 हजार दर्शक क्षमता के प्रेक्षागृह एंव खुले मंच की स्थापना की गई।
काशी की धर्म,कला और संस्कृति की झलक
मौजूदा सरकार ने अयोध्या मे दो वर्षों से दीपावली के पावन पर्व पर सरयू जी के तट पर दीपोत्सव का भव्य आयोजन और बरसाना, मथुरा में रंगोत्सव के आयोजन की शुरुआत करके प्रदेश में पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करने का बेहतरीन काम किया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को भव्य तरीके से आयोजित किया गया है। यही कारण है कि इस बार पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा दिखा।
काशी में देव दीपावली के दौरान आयोजित हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए काशी की धर्म, कला और संस्कृति की झलक देखी गई। उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की सुविधा के लिए अलग-अलग रुचि के अनुसार स्थलों के चयनित पयर्टन परिपथ का सृजन किया गया है।अयोध्या में प्रतिदिन मंचित की जाने वाली रामलीला को दोबारा शुरु किया गया है।
अयोध्या शोध संस्थान के अत्याधुनिक प्रेक्षागृह की मरम्मत हेतू रुपये 450.00 लाख और राम की सांस्कृतिक विश्व यात्रा के लिए 30.00 लाख का अनुदान स्वीकृत किया गया है। इसके साथ ही अयोध्या में श्रीराम की सबसे उंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
15 जनवरी से 4 मार्च 2019 तक प्रयागराज में कुंभ का सफल आयोजन हुआ। इस महापर्व में 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु सम्मिलित हुए। राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने प्रयागराज कुंभ में प्रतिभाग किया।
कुंभ परिक्षेत्र में 72 देशों के राजदूतों ने अपने ध्वज स्थापित किए। शताब्दियों बाद पहली बार कुंभ के अवसर पर अक्षयवट और सरस्वती कूप को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया।
कुंभ के दौरान पहली बार उत्तर प्रदेश में 21 से 23 जनवरी 2019 तक काशी में 15वें प्रवासी भारतीय दिवस का भी सफल आयोजन संपन्न हुआ। यही नहीं सरकार ने वाराणसी में सांस्कृतिक केंद्र और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्स स्थल बटेश्वर का विकास भी सुनिश्चित किया है।
जाहिर है सरकार की इस कोशिश से ना सिर्फ लोगों का नजरिया बदल रहा है बल्कि पर्यटन के साथ-साथ रोजगार के क्षेत्र में भी प्रदेश आगे बढ़ रहा है।