- प्रवासी मजदूरों को सस्ते आवास एवं दुकान उपलब्ध कराएगी योगी सरकार
- सरकारी भूमि एवं इमारतों को चिन्हित करने का काम शुरू किया गया
- एक योजना बनाने के लिए शहरी विकास विभाग को सौंपा गया है काम
लखनऊ : संकट के इस दौर में प्रवासी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक और बड़ा कदम उठा रही है। योगी सरकार आने वाले दिनों में प्रवासी मजदूरों को सस्ता आवास एवं कम लागत वाली दुकानें उपलब्ध कराएगी। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से एक नीति बनाई जा रही है। लॉकडाउन के हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर लौटे हैं। इन्हें रोजगार उलब्ध कराने के लिए योगी सरकार ने मजदूरों को 16 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग पूरी की है।
देश में स्किल मैपिंग का यह पहला काम
देश में मजदूरों की स्किल मैपिंग कराने का यह पहला प्रयास है। स्किल मैंपिंग के जरिए राज्य सरकार को मजदूरों के हुनर के बारे में पता चला है। इसके आधार सरकार उन्हें रोजगार उपलब्ध कराएगी। इससे उनके अनुभव एवं उद्यम का लाभ राज्य सरकार को मिलेगा। मजदूरों को रोजगार जल्दी उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में लौटने वाले सभी प्रवासी मजदूरों के स्किल मैपिंग का काम 15 दिनों के भीतर पूरा करना का आदेश दिया है। इसके अलावा इस दिशा में सरकार की ओऱ से गठित एक कमीशन भी काम कर रहा है।
सीएम ने कुछ दिनों पहले प्रवासी मजदूरों से की बात
यूपी सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि शहरी विकास विभाग को प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ता मकान एवं दुकानें उपलब्ध कराने की योजना तैयार करने का काम सौंपा गया है। सस्ते आवास पर नीति योजना बनाने की ड्राफ्टिंग में मुख्य सचिव इस विभाग की मदद करेंगे। अधिकारी ने कहा, 'कुछ दिनों पहले प्रवासी मजदूरों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने दुकान लगाने में आने वाले दिक्कतों के बारे में उनसे पूछा। इस दौरान मजदूरों ने सीएम को बताया कि उनके पास पैसे नहीं है। इसके बाद प्रवासी मजदूरों को सस्ते दुकान एवं आवास उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया।'
भूमि की पहचान जारी
अधिकारी के मुताबिक शहरी विकास विभाग इस सप्ताह के अंत तक मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुति देगा। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए स्थानीय निकायों एवं निजी बिल्डरों से जगह उपलब्ध कराने के लिए भी बात की जा रही है। मजदूरों के लिए आवास के निर्माण के लिए सरकारी भवनों एवं भूमि की पहचान करने का काम चल रहा है। अधिकारी ने आगे कहा कि मजदूरों के लिए बनने वाले आवास में पानी, बिजली और सीवर की सुविधा होगी। प्रवासी मजदूर यदि किसी संपत्ति का इस्तेमाल आवास एवं कारोबार के लिए करते हैं तो उन्हें किराए में छूट दी जाएगी।