- भीषण गर्मी के दौरान उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की आई थी खबर
- वन विभाग की तरफ से जंगलों में लगी आग पर आई सफाई
- गरमी के दिनों में आमतौर पर गढ़वाल और कुमाऊं के जंगलों में लगती है आग
देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर वन विभाग की तरफ से सफाई आई है चीफ कंजरवेटर उत्तराखंड ने बताया कि सोशल मीडिया पर गलत खबर प्रचारित की गई थी। दरअसल इस तरह की खबर आई थी कि पिछले चार दिनों से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग जंगलों में आग लग गई है। तेज हवाओं के बीच जंगल के पेड़ धू-धू करके जल रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर भी इस आग की लपट पहुंच चुकी है और लोग हिमालय के जंगलों को बचाने की मुहिम चला रहे हैं।
इस तरह की खबर थी कि जंगल में लगी आग की वजह से जानवर भी अपनी जान बचाने के लिए दूसरे क्षेत्रों की ओर भाग रहे हैं। अभी तक राज्य के तकरीबन 46 जंगलों में आग लगने की खबर है और इन घटनाओं में तकरीबन 51.34 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुके हैं। लेकिन वन विभाग ने साफ कर दिया है कि यह खबर बेबुनियाद है।
इस तरह की भी खबर थी कि राज्य के केवल कुमाऊं क्षेत्र के 21 जंगलों में आग लगी हुई है। यह राज्य का आग से प्रभावित सबसे बड़ा इलाका है। वहीं इसके बाद गढ़वाल इलाका दुसरे नंबर पर सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां के 16 जंगलों में आग लगी है। इसके अलावा 9 अन्य रिजर्व फॉरेस्ट इलाके आग की चपेट में आए हैं। अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, पौढ़ी, चमोली, पिथौरागढ़ और देहरादून इन सभी जगह जंगल में आग लगी हुई है।
इस तरह की खबर थी कि अबतक इस आग की चपेट में आकर 2 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन इस खबर के पीछे कोई आधार नहीं था।वन विभाग के अधिकारी आग को बढ़ने से कोरने के लिए कदम उठा रहे हैं। जंगल की इस की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।तस्वीरों को देखकर आपको पता चलेगा कि ये आग कितनी भयावह है और धीरे-धीरे रौद्र रूप लेती जा रही है।