श्रीनगर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद यह यहां का उनका पहला दौरा है, जिस दौरान उन्होंने इस साल आतंकियों के हमले में शहीद एक पुलिस अधिकारी के परिजनों से मुलाकात की तो घाटी में सुरक्षा हालात की समीक्षा को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता भी की। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के कड़े रुख को दोहराया तो घाटी के युवाओं को एक बड़ा संदेश भी दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'मैं सवा दो साल बाद जम्मू-कश्मीर आया हूं और सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद मेरा पहला कार्यक्रम यूथ क्लब के युवा साथियों के साथ हो रहा है। मैं जम्मू-कश्मीर के युवाओं से मिलकर बहुत बहुत आनंद और सुकून का अनुभव कर रहा हूं। मैं कश्मीर के युवाओं से दोस्ती करना चाहता हूं।' केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में परिसीमन के फैसले का बचाव करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इससे कश्मीर के युवाओं को मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि परिसीमन के बाद यहां चुनाव होगा और स्टेटहुड का दर्जा बहाल होगा।
'स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी 5 अगस्त की तारीख'
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, '5 अगस्त, 2019 का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। यह आतंकवाद, भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार के खात्मे का दिन था। जम्मू कश्मीर के युवाओं को अब इस केंद्र शासित प्रदेश के विकास में योगदान देना होगा, जो उनकी जिम्मेदारी है।' उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में कर्फ्यू लगाने और इंटरनेट सेवाओं को सस्पेंड किए जाने के सरकार के फैसले का भी बचाव किया और कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो बहुत से लोगों की जान जा सकती थी। इस फैसले ने कश्मीरी युवाओं को बचा लिया।
श्रीनगर में अपने संबोधन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह कांग्रेस, नेशल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पर भी बरसे और कहा कि बीते 70 वर्षों में तीन परिवारों ने यहां शासन किया। लेकिन यहां 40,000 से अधिक लोगों की जान गई। आखिर यह नौबत क्यों आई? गृह मंत्री ने दो टूक कहा कि जम्मू कश्मीर की शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे और किसी को भी यहां विकास को बाधित नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार जम्मू कश्मीर के विकास और यहां सुरक्षा हालात को लेकर प्रतिबद्ध है।