नई दिल्ली : टीआरपी के साथ छेड़छाड़ के आरोप में फंसे रिपब्लिक टीवी के प्रमोटर एवं एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी सेना के पूर्व अधिकारियों एवं पुलवामा हमले के शहीदों के परिजनों के निशाने पर आ गए हैं। अपने चैनल की टीआरपी बढ़ाने के लिए पुलवामा आतंकी हमले का इस्तेमाल किए जाने पर पूर्व सैन्य कर्मियों एवं शहीदों के परिजनों ने अर्नब पर गंभीर आपत्ति जताते हुए उन पर कार्रवाई करने की मांग की है। कुछ ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने के लिए अर्नब को 'शर्म' आनी चाहिए।
चैट गेट में अर्नब ने नहीं तोड़ी है अपनी चुप्पी
बता दें कि बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के साथ अर्नब के व्हाट्सअप चैट सोशल मीडिया में लीक हुए हैं। इन चैट्स से जाहिर होता है कि अर्नब के पास बालाकोट हमले की जानकारी पहले से थी। यही नहीं, अपने चैट में अर्नब ने यह भी कहा है कि बालाकोट हमले से उनके चैनल की टीआरपी काफी बढ़ गई। इन चैट्स के लीक हुए पांच दिन बीत गए हैं लेकिन रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ ने अभी तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। टीआरपी के लिए पुलवामा हमले का इस्तेमाल किए जाने पर शहीदों के परिजनों एवं पूर्व सैन्यकर्मियों ने गंभीर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार से उन पर कार्रवाई करने की मांग की है।
'अर्नब के खिलाफ कार्रवाई करे सरकार'
टाइम्स नाउ के खास बातचीत में पुलवामा हमले के एक पीड़ित ने कहा, 'अर्नब गोस्वामी जब पूरा देश और शहीदों के परिजन दुख से पीड़ित थे उस समय आप टीआरपी रेटिंग की बात कर रहे थे। आपको शर्म आनी चाहिए।' पाकिस्तान समर्थित इस आतंकी हमले में अपने दामाद को खोने वाली एक महिला ने कहा, 'रिपब्लिक टीवी के एडिटर उस समय टीआरपी रेटिंग्स की बात रह थे। हम उन्हें माफ नहीं कर सकते। वह टेलिविजन पर केवल बड़ी-बड़ी बातें करते हैं।'
सरकार से मामले की जांच कराने की मांग
शहीद जवान अवधेश कुमार के भाई ने कहा कि टीआरपी के फायदे के लिए गोस्वामी को इस तरह के हमलों का इस्तेमाल बंद करना चाहिए, उन्हें इतनी संवेदनशील जानकारी कैसे मिली, सरकार को इस बात की जांच करनी चाहिए। जबकि एक पूर्व सैन्यकर्मी ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले जैसी घटनाओं को बढ़ाचढ़ाकर नहीं पेश किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का असर केवल देश में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी होता है। खासकर ऐसे देश जो आपके दुश्मन हैं।
पूर्व सैन्यकर्मियों ने अर्नब गोस्वामी पर उठाए सवाल
पूर्व सैन्यकर्मी ने कहा, 'तकनीकी रूप से इसे कोई केवल टीआरपी की बात कह सकता है लेकिन जो बात इसमें निहित है, वह यह है कि पहले तो आप शहीद जवानों के साथ अन्याय कर रहे हैं, दूसरा आप लोगों एवं राष्ट्रीय हितों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।' एक अन्य रिटायर्ड सैन्य कर्मी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस खास मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।' गोस्वामी की तीखी आलोचना करते हुए सेना के पूर्व कर्मियों ने कहा कि यह देखकर दुख होता है कि शहीदों की शहादत के बारे में व्हाटसअप पर चर्चा की जा रही है। यह सब टीआरपी के फायदे के लिए किया जा रहा है। इससे शहीद जवानों के परिजनों के दिल पर क्या गुजरी होगी, इसकी कल्पना की जा सकती है।
चैट गेट के बाद और बड़ा हो गया है टीआरपी स्कैम
इस चैट गेट से टीआरपी स्कैम मामले में नया मोड़ आ गया है और यह पहले से बड़ा हो गया है। लीक चैट से पता चलता है कि अर्नब टीवी रेटिंग एजेंसी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के साथ टीआरपी के फायदे के बारे में बातचीत कर रहे हैं। इस बातचीत में अर्नब पुलवामा आतंकी हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक की घटनाओं से अपने चैनल की टीआरपी बढ़ने की जानकारी उन्हें देते हैं।